लगातार तपकर कुन्दन बनीं सिन्धु

-ऋतुपर्ण दवे- एक जीत और तीन खुशी। कितना गर्व होगा उस परिवार को, जिसकी संतान ने दुनिया के बैडमिन्टन इतिहास में महिला विश्व चैंपियनों की सूची में भारत का नाम आखिरकार दर्ज करा कर ही दम लिया। पहली खुशी का नाम अब पुसरला वेंकट सिन्धु यानी पीवी सिन्धु हो गया है। दूसरी खुशी भारत की आधी आबादी के प्रति सम्मान और भरोसे का बैडमिन्टन में पहला विश्व खिताब सोने का तमगा है। संयोग ही कहा जाएगा जो ईश्वर को भी मंजूर था कि तीसरी खुशी मां के जन्मदिन की खुशी…

Read More

अर्थव्यवस्था को नई धार का परिदृश्य

-डा. जयंतीलाल भंडारी- हाल ही में 23 अगस्त को अर्थव्यवस्था की सुस्ती और पूंजी बाजारों के संकट को दूर करने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कई उपायों की घोषणा की। उपभोक्ता मांग और निवेश बढ़ाने के लिए विदेशी और घरेलू पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया गया अधिभार वापस ले लिया गया है। बैंकों में नकदी बढ़ाने, सूक्ष्म, लघु एवं मझोली कंपनियों के लिए वस्तु एवं सेवा कर, जीएसटी रिफंड को आसान बनाने, संकट से जूझ रहे वाहन क्षेत्र को राहत देने और सभी पात्र स्टार्टअप कंपनियों तथा उनके निवेशकों को…

Read More

मंदी की आहट हुई सार्वजनिक

रमेश ठाकुर कारोबारी क्षेत्रों में विगत कुछ समय से आर्थिक सुस्ती की खबरें सुनने को मिल रही थीं। अब उन खबरों पर मुहर लग गयी है। एक बड़ी बिस्किट निर्माण कंपनी और ऑटो कंपनी ने मंदी के चलते अपने हजारों वर्करों को नौकरी से निकालने का एलान कर दिया है। कंपनियों के इन पीड़ादायक निर्णयों ने एक बात साफ कर दी है कि हिंदुस्तान में मंदी ने आहिस्ता-आहिस्ता दस्तक देनी शुरू कर दी है। ऑटो, टेक्सटाइल के बाद अब रिटेल सेक्टर में भी लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ती दिखाई…

Read More

आया ऊंट पहाड़ के नीचे

मनोज ज्वाला ऊंट एक ऐसा मरुस्थलीय प्राणी है, जो यह सोच कर हमेशा अकड़ा रहता है कि उससे बड़ा-ऊंचा दूसरा कोई नहीं है। उस ‘मरुस्थल के जहाज’ की सवारी करने वाले कबीलाई लोगों के बीच से सारी दुनिया को फतह करने के लिए ‘इस्लाम’ नाम का जो मजहब निकला उसके आधुनिक झण्डाबरदार बने पाकिस्तान की अकड़ भी कुछ ऐसी ही है। पाकिस्तान का ऊंट की तरह अकड़ना स्वाभाविक ही है, क्योंकि ‘इस्लामिक स्टेट’ होने के कारण ऊंट से उसका मजहबी रिश्ता है। लेकिन जब ऊंट को पहाड़ के नीचे आना…

Read More

स्वतंत्र मूल्यों के पक्षधर थे श्रीकृष्ण

(जन्माष्टमी पर विशेष)  प्रमोद भार्गव प्राचीन संस्कृत साहित्य की मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण दस अवतारों में से एकमात्र सोलह कलाओं से निपुण पूर्णावतार थे। कृष्ण को लोक मन्यताएं प्रेम और मोह का अभिप्रेरक मानती हैं। इसीलिए मान्यता है कि कृष्ण के सम्मोहन में बंधी हुई गोपियां अपनी सुध-बुध और मर्यादाएं भूल जाया करती थीं। कृष्ण गोपियों को ही नहीं समूचे जनमानस को अपने अधीन कर लेने की अद्भुत व अकल्पनीय नेतृत्व क्षमता रखते थे। उन्होंने जड़ता के उन सब वर्तमान मूल्यों और परंपराओं पर कुठाराघात किया, जो स्वतंत्रता को…

Read More

मोदी-शाह ने असंभव को संभव कर दिखाया

-अरुण जेटली- संसद का वर्तमान सत्र उपलब्धियों की दृष्टि से अत्यंत सफल रहा है। इसमें कई ऐतिहासिक विधेयक पारित किए गए हैं। तीन तलाक कानून, आतंक पर कठोर प्रहार करने वाले कानून और अनुच्छेद 370 पर निर्णय। ये सभी निश्चित तौर पर अप्रत्याशित हैं। यह आम धारणा कि अनुच्छेद 370 पर बीजेपी द्वारा किया गया वादा सिर्फ एक नारा है जिसे पूरा नहीं किया जा सकता, एकदम गलत साबित हुई है। सरकार की नई कश्मीर नीति पर आम जनता की ओर से जो जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है, उसे देखते…

Read More

कश्मीर पर कांग्रेस कंफ्यूज क्यों है?

अनिल बिहारी श्रीवास्तव अनुच्छेद 370 पर अपनी छीछालेदर करवा चुकी कांग्रेस शायद कोई सबक लेने को तैयार नहीं है। एक कांग्रेसी नेता का कथित बयान सोशल मीडिया में पढ़ने को मिला। उनका कहना है कि भविष्य में केन्द्र में कांग्रेस को बहुमत मिलने और उसकी सरकार बनने पर जम्मू कश्मीर की पुरानी स्थिति वापस लौटा दी जाएगी। इस तरह की बातों क्या मतलब है? वह कह क्या रहे हैं? क्या वह जम्मू कश्मीर को पुन: विशेष दर्जा देने की बात कह रहे हैं? क्या वह लद्दाख को फिर से जम्मू…

Read More

महर्षि अरविन्द के सपनों का भारत

महायोगी महर्षि अरविन्द आधुनिक भारत के उन निर्माताओं में से थे जिनकी दिव्य दृष्टि और उत्कृष्ट मौलिक चिन्तन सनातन भारतीय परम्परा के अजस्र स्रोतों से सम्बद्ध है। भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के महानायक महर्षि अरविन्द का जन्म 15 अगस्त 1872 में कृष्ण-जन्माष्टमी को बंगाल के एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके परदादा ब्रह्म समाज के धार्मिक-सुधार आन्दोलन में सक्रिय थे। उनकी प्रेरणा अरविन्द को इस ओर प्रवृत करने वाली रही। उनके पिता डॉक्टर कृष्णधन घोष ने मात्र सात वर्ष की उम्र में उन्हें पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेज दिया। अरविन्द…

Read More

अमरनाथ यात्रा : साम्प्रदायिक सौहार्द की भी मिसाल

-निर्मल रानी- कश्मीर के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुज़रने वाली श्री अमरनाथ यात्रा को हिंदुओं के प्रमुख तीर्थों में माना जाता है. अमरनाथ गुफा में प्रकृतिक रूप से निर्मित बर्फ़ के शिवलिंग की पूजा की जाती है। प्रत्येक वर्ष देश विदेश से लाखों श्रद्धालू अमरनाथ गुफा में बनने वाले बर्फ के शिवलिंग के दर्शन हेतु अमरनाथ यात्रा पर जाते हैं. परन्तु इस गुफा की खोज के पीछे की कहानी न केवल काफ़ी दिलचस्प है बल्कि यह कहानी भारतीय हिन्दू मुस्लिम सद्भाव से संबंधित एक स्वर्णिम इतिहास भी लिखती है।…

Read More

कश्मीर अभी इम्तिहान आगे और भी है…

-डॉ नीलम महेंद्र- कश्मीर में “कुछ बड़ा होने वाला है” के सस्पेंस से आखिर पर्दा उठ ही गया। राष्ट्रपति के एक हस्ताक्षर ने उस ऐतिहासिक भूल को सुधार दिया जिसके बहाने पाक सालों से वहां आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में सफल होता रहा लेकिन यह समझ से परे है कि कश्मीर के राजनैतिक दलों के महबूबा मुफ्ती फ़ारूख़ अब्दुल्ला सरीखे नेता और कांग्रेस समेत समूचा विपक्ष जो कल तक यह कहता था कि कश्मीर समस्या का हल सैन्य कार्यवाही नहीं है बल्कि राजनैतिक है, वो मोदी सरकार के इस…

Read More