-रेनू सैनी- रिया, फैजल और अमन आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। तीनों पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद, डांस और नाटक के कार्यक्रमों में भी आगे रहते थे। फैजल गणित में बहुत होशियार था। एक दिन अमन ने उससे एक सवाल समझाने को कहा। फैजल उस समय साइंस का प्रोजेक्ट बना रहा था। वह बोला, ‘यार, मेरा थोड़ा सा काम रह गया है। इसे खत्म कर लूं, फिर तुझे समझाता हूं। बीच में एकाग्रता भंग होने से काम अधूरा रह जाएगा।’ यह कहकर फैजल अपने काम में लग गया। लेकिन अमन को…
Read MoreCategory: बालपन
(कहानी) बुद्धि बड़ी या बल
एक समय की बात है। एक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था। उस झुंड का सरदार चतुर्दत नामक एक विशाल, पराक्रमी, गंभीर व समझदार हाथी था। सब उसी की छत्र-छाया में सुख से रहते थे। वह सबकी समस्याएं सुनता। उनका हल निकालता, छोटे-बड़े सबका बराबर ख्याल रखता था। एक बार उस क्षेत्र में भयंकर सूखा पड़ा। वर्षों पानी नहीं बरसा। सारे ताल-तलैया सूखने लगे। पेड़-पौधे कुम्हला गए। धरती फट गई, चारों और हाहाकार मच गया। हर प्राणी बूंद-बूंद के लिए तरसता गया। हाथियों ने अपने सरदार से कहा,…
Read Moreएक अच्छा बेटा और एक बुरा बेटा
जरा कैन और हाबिल को देखिए। वे अब बड़े हो गए हैं। कैन एक किसान बन गया है। वह फल-सब्जी और अनाज की खेती करता है। जबकि हाबिल एक चरवाहा बन गया। उसे भेड़ के छोटे-छोटे बच्चों, यानी मेम्नों की देखरेख करना बहुत अच्छा लगता है। धीरे-धीरे ये मेम्ने बड़े हो जाते हैं। इस तरह, हाबिल के पास ढेर सारी भेड़ें हो जाती हैं। कैन और हाबिल अपना-अपना बलिदान परमेश्वर को चढ़ा रहे हैं। एक दिन कैन और हाबिल, दोनों परमेश्वर के लिए तोहफा लाए। कैन अपने खेत से कुछ…
Read Moreचलो तुम्हें पार्क में ले जाएं
आजकल के दौर में बहुत से बच्चे टीवी, कंप्यूटर व इनडोर गेम्स में इतने मस्त रहते है कि न तो वे बाहर खेलने जाना चाहते है और न ही उनके माता-पिता के पास इतना समय होता है कि वे उन्हे बाहर घुमाने ले जाएं। बाल मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्थिति बच्चों के मानसिक व शारीरिक विकास के लिए ठीक नहीं है। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को पार्क इत्यादि घुमाने अवश्य ले जाएं। बस कुछ बातों का ध्यान रखें। -पार्क ले जाते समय बच्चों को मौसम…
Read Moreख़रगोश और प्यासे हाथी
प्राचीन काल में एक सुदूर क्षेत्र में एक सोते के निकट कुछ हाथी बहुत सुखी जीवन व्यतीत करते थे। एक साल वहां वर्षा न हुयी और सोते के पानी दिन प्रतिदिन कम होता गया यहां तक कि सोता सूख गया। हाथी सोच में पड़ गए। हाथियों के सरदार के आदेश पर कुछ हाथी दूसरे क्षेत्रों में पानी ढूंढने के लिए निकल पड़े। उन्हें पानी का एक सोता मिल गया और सब के सब हाथी वहां चले गए। इस सोते का पानी ठंडा और स्वच्छ था और इसके आस पास कुछ…
Read Moreसही आहार बच्चे को बनाएगा बेमिसाल
मौज-मस्ती अब कम होगी। यारी-दोस्ती भी अब कम होगी। स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है। हर बच्चा अब अपनी पूरी ऊर्जा पढ़ाई की ओर लगाएगा। ऐसे में जरूरी है कि आप इस बात की तसदीक करें कि उसे खानपान के जरिये पर्याप्त ऊर्जा और पोषण मिले, ताकि वह पढ़ाई और परीक्षा को अपना सौ प्रतिशत दे सके। परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है और बच्चों में घबराहट व तनाव का स्तर कई गुणा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करने के…
Read Moreसर्दियों में बच्चों को यूं बचाएं जुकाम से
छोटे बच्चों के लिए सर्दियां खास एहतियात रखने का समय होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बच्चे आसानी से कोल्ड, कफ, गले, सीने के संक्रमण और डायरिया की चपेट में आ जाते हैं। गिरते हुए पारे के दौरान नवजात शिशुओं के लिए कंगारू केयर और ब्रेस्ट फीडिंग सबसे अच्छे तरीके हैं। बच्चे को खुद से चिपकाएं:- नवजात शिशु को ठंड से बचाने का सबसे अच्छा तरीका है उसे शरीर से चिपका कर रखना। इसे कंगारू तकनीक कहा जाता है। इसके मुताबिक जब मां बच्चे को खुद से…
Read More(बच्चों के लिए कहानी) समझदार किट्टी
-अमृता गोस्वामी- किट्टी एक बुद्धिमान और समझदार बालिका थी। अपने माता-पिता की इकलौती बेटी होने के कारण उसे सदैव खूब लाड़-प्यार मिलता था। खेल और पढ़ाई में किट्टी की खास रुचि थी। उसका परिवार एक छोटा परिवार था जिसमें वह अपने मां और पिताजी के साथ रहती थी। किट्टी के पिताजी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे और मां गृहिणी। पिताजी का अधिकतम समय कम्प्यूटर पर बीतता था, किन्तु फिर भी वे किट्टी के लिए कहीं न कहीं से समय निकाल ही लेते थे। उनके घर पर हमेशा हंसी-खुशी का माहौल रहता…
Read More(कहानी) …और मिल गया टॉमी
टॉमी, रॉमी और सिली नाम के तीन पपी थे। तीनों अभी बहुत छोटे थे। उनकी मॉम रीबू उनका हर समय ख्याल रखती थी। एक टूटे हुए मकान के एक छोटे से कौने में उसने अपना घर बना रखा था। टॉमी और रॉमी उसमें अपनी बहन सिली के साथ खूब ऊधम मचाते थे। धीरे-धीरे ये बड़े हुए और बाहर निकलने लगे तो रीबू को चिंता होने लगी। वह खाने की तलाश में बाहर जाती तो अपने तीनों बच्चों को हिदायत देकर जाती कि तुम अभी बहुत छोटे हो। बाहर मत निकलना,…
Read Moreटिफिन में हो कुछ हट कर
ब्रेकफास्ट के समय स्कूल जाने की टैंशन… तो शाम को डिनर के लिए बच्चों के पीछे-पीछे खाने की प्लेट लेकर भागना… और सबसे ज्यादा प्रॉब्लम होती है जब बच्चे स्कूल में लंच नहीं करते और अक्सर टिफिन वैसे ही घर वापस ले आते हैं। अब बच्चों को एनर्जी मिलेगी भी तो कैसे जैसी बातों की चिंता में मांओं को समझ में ही नहीं आता कि आखिर बच्चों को किस तरह खाना खाने के लिए प्रेरित किया जाए क्योंकि घर पर तो वे फिर भी कुछ न कुछ खिला ही देती…
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