सुषमा स्वराज : एक प्रखर वक्ता, आम आदमी को विदेश मंत्रालय से जोड़ने वाली हस्ती

सुषमा स्वराज भाजपा की एक ऐसी हस्ती थीं जिन्होंने न सिर्फ एक प्रखर वक्ता के रूप में अपनी छवि बनाई, बल्कि उन्हें ‘जन मंत्री’ कहा जाता था। इतना ही नहीं वह जब विदेश मंत्री बनीं तो उन्होंने आम आदमी को विदेश मंत्रालय से जोड़ दिया। वह सिर्फ एक ट्वीट पर विदेश में फंसे किसी भारतीय की मदद के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं। निधन से कुछ घंटे पहले भी पार्टी और इसकी विचारधारा के प्रति स्वराज का लगाव दिखा और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने पर उन्होंने…

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संचार क्रांति : आधुनिक समाज की पूंजी

डॉ. राकेश राणा ‘सूचना’ या संचार क्रांति उत्तर आधुनिक युग की मुख्य पूंजी है। समाज-वैज्ञानिक समाज को सूचना समाज अथवा ज्ञानमूलक-समाज जैसे मुहावरों से नवाज रहे हैं। संचार क्रांति ने आधुनिक समाज और व्यक्ति के विकास में महती भूमिका निभाई है। संचार क्रांति ही समाज में सामाजिक चेतना का आधार है। मनुष्य विभिन्न सूचनाओं को संयोजित कर तार्किक पद्धति द्वारा ज्ञान में तब्दील करता है। जिसके आधार पर अपनी अंतर्दृष्टि का उपयोग कर भावी संकल्पनाएं गढ़ता है। इससे मनुष्य में दृष्टिकोण और पर्यवेक्षण क्षमता विकसित होती है। धीरे-धीरे यह प्रतीकात्मक व्यवस्था अपने समाज के सदस्यों…

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धरती को परमाणु शस्त्रों से मुक्त कराने की जरूरत

(6 अगस्त,  हिरोशिमा पर परमाणु हमले की बरसी पर विशेष) प्रदीप कुमार सिंह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा पर 6 अगस्त 1945 को हुए परमाणु हमले से पूरी दुनिया दहल गई थी। इस हमले की प्रतिवर्ष आयोजित वर्षगांठ के मौके पर पूरे जापान सहित विश्वभर की आंखें नम हो जाती हैं। जापान के पीस मेमोरियल पार्क, हिरोशिमा में हजारों की तादात में प्रतिवर्ष 6 अगस्त को लोग एकत्रित होते हैं और हिरोशिमा और नागासाकी हमले में मारे गए अपने प्रियजनों को भारी मन से श्रद्धांजलि देते हैं।…

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रौशनी के बिना शिक्षा की लौ नहीं जलती

बशारत अख़्तर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 का बजट प्रस्तुत करते हुए मोदी सरकार की जिन महत्वाकांक्षी योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया है उनमें सौभाग्य योजना भी शामिल है। बजट में इस बात पर ख़ास ज़ोर दिया गया है कि साल 2022 तक शत प्रतिशत परिवारों तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के सभी गांव में बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में सौभाग्य योजना प्रारंभ की गई थी। इसके तहत दिसंबर 2018 तक लक्ष्य की प्राप्ति रखी गई थी।…

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आस्था नहीं, अधिकारों की लड़ाई है तीन तलाक

–डॉ. नीलम महेन्द्र- ट्रिपल तलाक (तीन तलाक) पर रोक लगाने का बिल लोकसभा से तीसरी बार पारित होने के बाद एक बार फिर चर्चा में है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में ही इसे असंवैधानिक करार दे दिया था। लेकिन इसे कानून का रूप लेने के लिए अभी और कितना इंतजार करना होगा, यह तो समय ही बताएगा। भाजपा सरकार भले ही अपने दम पर इस बिल को लोकसभा में 82 के मुकाबले 303 वोटों से पास कराने में आसानी से सफल हो गई हो, लेकिन इस बिल के प्रति…

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35-ए मुक्त होगा कश्मीर

-सईद अहमद- यह कोई निश्चित नहीं, सवालिया स्थिति है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35-ए का मामला सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है। जब तक उसका निर्णय नहीं आ जाता, तब तक कश्मीर यथावत है, लेकिन अतिरिक्त जवानों की तैनाती ने यह मुद्दा और भी भड़का दिया है। एक खास तबका बौखलाया हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शिष्टाचार की तमाम हदें लांघते हुए यहां तक ‘जहर’ उगला है कि जो हाथ 35-ए के साथ छेड़छाड़ करेंगे, तो वह बारूद को छूने जैसा होगा। छेड़छाड़ करने वाले हाथ ही…

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वर्तमान में कांग्रेस का संकट

-डा. भरत झुनझुनवाला- कांग्रेस पार्टी के वर्तमान संकट की जड़ें धर्म विहीन भक्ति के प्रतिपादन में दिखती हैं। किसी समय रोम का राजा सीजर यहूदियों का उत्पीड़न कर रहा था। उस समय ईसा मसीह से पूछा गया था कि सीजर को टैक्स देना उचित है या नहीं। इस पर ईसा मसीह ने जवाब दिया था कि ‘जो सीजर का है, वह उसको दो और जो भगवान का है, वह भगवान को।’ ईसा मसीह के लिए सीजर द्वारा ढाए जा रहे अन्याय का महत्त्व कम था। उनका ध्यान जनता को सीधे…

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छलांग लगवाकर कामयाब बनाने की कहानी है सुपर 30

-विवेक कुमार पाठक- जब समय आएगा सबसे बड़ा और सबसे लंबा छलांग हम ही मारेंगे। बिहार की मलिन बस्तियों के गरीब बच्चों के बीच सुपर 30 फिल्म में जब ये संवाद अभिनेता ऋतिक रोशन बोलते हैं तो जीवन में संघर्षों से सफलता पाने वालों को एक पल के लिए ही सही मगर पुराना बहुत कुछ याद आ जाता होगा। मुश्किलों को हराती यह फिल्म संघर्ष को स्वीकारने की कहानी है। दूसरों के फेंके हुए पत्थर से अपने घर की दीवार बनाने की कहानी है। फिल्म बिहार के आईआईटी गुरु आनंद…

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हारी बाजी जीतने वाले को येदियुरप्पा कहते हैं

-रमेश सर्राफ धमोरा- हार के जीतने वाले को बाजीगर नहीं येदियुरप्पा कहते हैं। बुकंकरे सिद्धालिंगप्पा येदियुरप्पा कर्नाटक राजनीति के इतने मजबूत नाम हैं कि उनका विकल्प खोज पाना मुमकिन नहीं। एक हारी हुई बाजी को जीतकर वे ऐसा साबित भी कर चुके हैं। उन्होंने कह दिया है कि बीजेपी अब सरकार बनाने का दावा करेगी। वो येदियुरप्पा ही थे जिन्होंने दक्षिण भारत में पहली बार कमल खिलाकर किसी राज्य में बीजेपी का खाता खोला था। एक बार फिर से इस बात पर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के गिरने से इस बात…

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सादगी की मिसाल थे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

(पुण्यतिथि, 27 जुलाई पर विशेष) – प्रदीप कुमार सिंह भारत के लोकप्रिय पूर्व राष्ट्रपति, प्रसिद्ध वैज्ञानिक और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अपनी विनम्रता, सरलता, ज्ञान, मानवीय भावनाओं तथा तकनीकी कुशलता के लिए जाने जाते हैं। उनके जीवन में अध्यात्म तथा विज्ञान का सुन्दर समन्वय था। डॉ. कलाम रामेश्वरम के साधारण घर में पैदा हुए। वह तमिल मुस्लिम थे। उनकी शिक्षा-दीक्षा हिन्दू शिक्षक के सानिध्य में हुई। उन्होंने उस चर्च में काम किया जो बाद में विक्रम सारामाई स्पेस लंचिग सेन्टर बना। डॉ. कलाम की सभी धर्मों के प्रति…

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