कैस्ट्रॉल इंडिया ने किसानों के लिए की स्वास्थ्य कार्यक्रम की घोषणा

मुंबई। कैस्ट्रॉल इंडिया लिमिटेड ने राष्ट्र के खाद्यान्न प्रदाताओं – किसान समुदाय के लिए अपने स्वास्थ्य कार्यक्रम की घोषणा आज की है। यह अभियान किसानों के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है। यह कार्यक्रम योगासन कैस्ट्रॉल सीआरबी प्लस खेत आसन को आगे बढ़ाएगा, ताकि उन्हें स्वास्थ्य दुश्वारियों से निजात पाने में मदद मिल सके। देश भर में दो लाख ट्रक ड्राइवरों पर कैस्ट्रॉल सीआरबी ट्रक आसन के सकारात्मक प्रभाव की बुनियाद पर कैस्ट्रॉल इंडिया की 2000 भारतीय गांवों में खेत आसन चलाने की योजना है, जिसका उद्देश्य 2019 के अंत से पहले 120,000 किसान लाभान्वित हों। इस साल भारत के पांच क्षेत्रों में 700 से भी अधिक किसानों पर किए गए शोध के आधार पर कैस्ट्रॉल इंडिया ने चौंकानेवाले निष्कर्ष निकाले हैं। किसानों के कामकाज की प्रकृति व कामकाजी हालात से उनकी स्वास्थ्य समस्याएं जुड़ी हुई हैं। इससे यह उजागर होता है कि अभी किसानों के बीच शारीरिक तनाव बड़ी चिंता है। 68 प्रतिशत किसानों ने यह बताया कि वे मांसपेशियों और हड्डियों की समस्याओं से ग्रसित हैं। वहीं 51 प्रतिशत से अधिक किसानों ने पाचन समस्याएं बताई हैं। साथ ही 31 प्रतिशत से अधिक किसान श्वसन समस्याओं से और 30 प्रतिशत मधुमेह से त्रस्त हैं । इसके अलावा अध्ययन से यह भी पता चला है कि 50 प्रतिशत से अधिक किसान तनाव और अन्य संबंधित रोगों, जैसे उच्च रक्तचाप, चिंता और मानसिक अवसाद से जूझ रहे हैं। किसान मानते हैं कि खेती-किसानी एक सेहतमंद रोजगार है, जिसके कारण 65 प्रतिशत से अधिक किसान अपने स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए कोई शारीरिक क्रियाकलाप नहीं करते। कैस्ट्रॉल इंडिया लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट-मार्केटिंग केदार आप्टे के मुताबिक भारतीय किसान महत्वपूर्ण समुदाय हैं और राष्ट्र को पोषक खाद्यान्न उपलब्ध कराने के उनके अथक प्रयासों को पहचानने की जरूरत है। इससे स्वस्थ आबादी को ईंधन मिलता है और इससे भारत लगातार आगे बढ़ता है। दुर्भाग्य से उनके अपने स्वास्थ्य उनकी अवचेतना से दूर हैं। कैस्ट्रॉल खेत आसन के जरिये, हम कैस्ट्रॉल इंडिया योगासन से किसानों को सशक्त बनाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं, जो उनके काम के अस्वस्थकर अंतरों को घटाने और उनसे बचने में मदद कर सकता है। उन्हें स्वस्थ जिंदगी जीने की ओर ले जा सकता है। कैस्ट्रॉल खेत आसन अपने ग्राहकों की सेहत के प्रति योगदान देने और उनकी देखभाल को लेकर प्रतिबद्धता भी है। माननीय आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नायक के मुताबिक हमें किसानों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अधिक महत्व देना चाहिए और ये योगासन उन्हें तनाव से राहत दिला सकते हैं। शोध अध्ययन को द योग इंस्टीट्यूट, मुंबई ने तैयार और लागू किया है। इस अध्ययन ने यह भी स्थापित किया है कि 70 प्रतिशत से अधिक किसान सीखने के प्रति इच्छुक हैं और अपने जीवन में योग को अपनाना चाहते हैं। उनकी रोजमर्रा की कामकाजी व्यस्तता को देखते हुए 16 खेत आसन तैयार किए गए हैं, जो दिन में अभ्यास में लाए जाए। ये आसन क्रम इस तरह से बनाए गए और इनका नाम ऐसे रखा गया है कि वे किसान से संबद्ध लगे और यह भी सुनिश्चित रहे कि कम से कम समय लगे।

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