जोधपुर। शहर में राष्ट्र्रपति के दो दिवसीय दौरे के दौरान सर्किट हाउस में शनिवार सुबह उनके पास पहुंचकर पैर छूने वाले दिनेशचंद को पुलिस ने जेल भिजवा दिया है। वहीं अनाधिकृत प्रवेश के मामले में आरोपित की ओर से पेश जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीआईजी ( इटेंलीजेंस) जोधपुर पहुंचे है और पड़ताल शुरू की गई है। दोषी पुलिस कर्मियों की भूमिका की भी जांच चल रही है।
इंटेलीजेंस डीआईजी जोधपुर पहुंचे
वीवीआईपी की सुरक्षा में चूक के मामले में पुलिस मुख्यालय से डीआईजी (इंटेलीजेंस) अंशुमान भोमिया भी प्रकरण की जांच के लिए जोधपुर पहुंचे। यहां उन्होंने घटना के समय ड्यूटी करने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के बारे में पड़ताल शुरू की।उल्लेखनीय है कि शनिवार को सर्किट हाउस के पास बिजलीघर की तरफ से दीवार फांदकर भीतर घुसने वाला अजमेर के पीसांगन निवासी दिनेशचंद रांकावत वीवीआईपी के लिए बनाए गए अस्थाई डोम तक पहुंच गया था। वहां उसने राष्ट्रपति के पैर छूने की कोशिश की। तब पुलिस अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया। बाद में उसके खिलाफ महामंदिर थाने में केस दर्ज कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और दो दिन के रिमांड पर लिया था।
बगैर बुलाए सेठ के घर भी पहुंचा था
दिनेशचंद्र इससे पहले भी ऊटपटांग हरकतें करने और उसका खामियाजा भी भुगत चुका है। उदय मंदिर थाने के एसआई छत्तूसिंह ने बताया कि दिनेशचंद करीब सात साल पहले पाली रोड पर स्थित जिस फैक्ट्री में काम करता था, वहां से भी ऐसी ही हरकत के चक्कर में नौकरी से निकाला गया था। दरअसल, वर्ष 2012 में वहां नौकरी करते समय उसे फैक्ट्री मालिक के घर पर धार्मिक कार्यक्रम के बारे में पता चल गया और वो बिन बुलाए ही शास्त्री नगर इलाके में सेठ के घर जा पहुंचा था।
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