रांची । भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये अपने को आदिवासियों, वंचितों और पिछड़ों का स्वयंभू मसीहा कहते हैं लेकिन जब उन्हें राज्यसभा में टिकट देना होता है तो न आदिवासी दिखता है न पिछड़ा दिखता है। बस एक थैलीशाह तगड़ा दिखता है।
त्रिवेदी रविवार को अरगोड़ा स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक समय भूदान आंदोलन चल था पर झारखंड में ऐसा समय आया जब भू हड़प आंदोलन चला। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन बताएं एकदिन में 16-16 रजिस्ट्री कैसे कराए। ग्राम सभा के माध्यम से दिया जाने वाला बालू का ठेका बड़े-बड़े उद्योगपतियों को कैसे दिये गए। उनकी कथनी और करनी में कितना अंतर है। हेमंत सोरेन ने जहां जमीन ली उसका व्यवसायिक प्रयोग नहीं कर सकते पर, वहां ऐसी भव्य व्यवसायिक भवन बनाया है कि देखकर आंखे चौंधिया जाती है। इतना पैसा आया कहां से, यह यक्ष प्रश्न है इसका उत्तर अपेक्षित है।
त्रिवेदी ने कहा कि झारखंड विधानसभा के चुनाव दो चरण पार कर चुके हैं। स्थिति जो पहले से स्पष्ट थी वह और स्पष्ट होती जा रही है। रघुवर दास के नेतृत्व में भाजपा प्रबल बहुमत से जीत रही है। सभी वर्गों आदिवासियों पिछड़ों युवा महिलाएं सभी के लिए अभूतपूर्व विकास योजनाएं चलाई गई। इससे भाजपा के प्रति जनता का विश्वास और बढा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी की सरकार ने यहां की सरकार को जो संबल प्रदान किया है उससे विकास की गति और तेज हुई है। राज्य में जो विकास कार्य हुए उसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि कृषि विकास दर जो नकारात्मक थी वह बढ़कर अब 14 प्रतिशत हो गई है। यह आंकड़ा बताने को काफी है यह किस तरीके से हम एक नकारात्मक माहौल से सकारात्मक माहौल की ओर बढ़े हैं। त्रिवेदी ने विपक्षी पार्टियों के गठबंधन को पराजित सेनापतियों का गठबंधन करार दिया।
उन्होंने कहा कि यह गठबंधन किस गति और परिस्थिति के साथ चुनाव मैदान में हैं यह देखें- कांग्रेस के अध्यक्ष पिछले चुनाव में हार कर अध्यक्ष पद छोड़ चुके थे। उन्हें कई दिनों के बाद पार्टी ने फिर से मना कर लाया और अध्यक्ष पद पर बिठाया। झामुमो के दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री रहते एक -एक बार चुनाव हार चुके हैं। वहीं राजद अध्यक्ष चुनाव लड़ने के लायक नहीं है। ये झारखंड को किस ओर ले जाएंगे यह समझ सकते हैं। झारखंड विकास मोर्चा और अन्य छोटे दल अपनी हैसियत बचाने के लिए लड़ रहे है। त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस स्वतंत्रता संग्राम की अकेली ठेकेदार बनती है। झारखंड में कोल संघर्ष, बिरसा मुंडा का संघर्ष क्या स्वतंत्रता संग्राम नहीं था। उन्होंने अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी। बिरसा मुंडा झारखंड के सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक हैं। इन प्रतीकों को कितना दबाया गया। कांग्रेस के एक नेता ने मंदिर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। कांग्रेस के एक नेता भगवान राम को काल्पनिक व्यक्ति कहते हैं और इन बातों के लिए माफी भी नहीं मांगते।
जनजातीय समुदाय का समर्थन भाजपा को : समीर उरांव
मौके पर भाजपा सांसद समीर उरांव ने कहा कि रघुवर दास के नेतृत्व में केंद्र सरकार की योजनाओं को झारखंड में बहुत सफलता के साथ उतारा गया है। राज्य में जनजातीय विषय हो या अन्य समुदायों के बाद सभी का सर्वांगीण विकास की पहल की गई है। यूपीए के लोगों ने आजादी के समय से ही जनजातीय समाज का मसीहा बनने की कोशिश की, पर वे सिर्फ बातों तक ही सीमित रहे हैं। भाजपा ने जनजातियों के विकास के साथ उनकी आस्था और विश्वास को भी संरक्षित करने का काम किया। दोनों चरणों के चुनाव में जनजातीय समुदाय ने भाजपा का समर्थन किया है। प्रेसवार्ता में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक मौजूद थे।
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