वाहन कंपनियों ने दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति का स्वागत किया

नई दिल्ली। वाहन विनिर्माता कंपनियों के मंच सियाम ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने एक बयान में कहा कि नीति में कुछ ऐसे उपाय हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता और स्वीकार्य बनाएंगे। नीति में खरीद प्रोत्साहन, ब्याज सहायता, स्क्रैप प्रोत्साहन, पथ-कर पर छूट, पंजीकरण और पार्किंग शुल्क में छूट और चार्जिंग बुनियादी ढांचे को आगे विकसित करने जैसे उपाय की करने की बातें हैं। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों (एसएमईवी) ने इस नीति की सराहना की है। एसएमईवी के महानिदेशक और हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल ने कहा, ‘‘… मैं आभारी हूं कि सरकार ने हमारी अधिकांश सिफारिशों पर गौर किया जिनमें डीजल/पेट्रोल इंजन वाले वाणिज्यिक वाहनों को विद्युत वाहन में बदलना, ई-बाइक टैक्सी और ऐसे अन्य विकल्प जैसे सुझाव शामिल हैं क्योंकि ये उपाय ई-मोबिलिटी की गति को आगे ले जाने के मुख्य उत्प्रेरक हैं।’’ गिल ने कहा, ‘‘अगर राष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह की नीति अपनाई जाती है, तो हमें विश्वास है कि देश में बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्रांति हो जाएगी।’’ सोमवार को दिल्ली कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक वाहन पॉलिसी को मंजूरी दे दी। दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 के तहत, दिल्ली सरकार प्रति किलोवाट बैटरी क्षमता वाले दोपहिया वाहनों की खरीद पर 5,000 रुपये, गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन को स्क्रैप कर इलेक्ट्रिक वाहन दुपहिया वाहन लेने पर 5,000 रुपये तक की सब्सिडी देगी। चार पहिया वाहनों की खरीद पर सब्सिडी पहले 1,000 कारों के लिए प्रति वाहन अधिकतम 1,50,000 रुपये की सीमा के साथ प्रति किलोवाट बैटरी क्षमता पर 10,000 रुपये की दर से रखी गयी है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2024 तक नई खरीदी गई बसों में से 50 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक बसों में बदलने तथा वर्ष 2030 तक इसे 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर पंजीकरण शुल्क पर कोई रोड टैक्स नहीं लगेगा। नीति में यह तय किया गया है कि खाद्य वितरण वाहन, कूरियर सेवाएं और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स जैसे सामान डिलीवरी के काम में लगे सभी दोपहिया वाहनों के 50 प्रतिशत हिस्से को मार्च 2023 तक इलेक्ट्रिक में बदल दिया जायेगा तथा मार्च 2025 तक इसे 100 प्रतिशत कर दिया जायेगा। इलेक्ट्रिक वाहन नीति को दिल्ली सरकार द्वारा गठित एक बोर्ड के माध्यम से लागू किया जाएगा।

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