अरुण जेटली सिर्फ वकील ही नहीं प्रखर बुद्धिजीवी भी थे : राम बहादुर राय

नई दिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष एवं हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी के समूह संपादक राम बहादुर राय ने पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अरुण जेटली सिर्फ वकील ही नहीं थे वह प्रखर बुद्धिजीवी भी थे। जब-जब भाजपा वैचारिक संकट में पड़ी तब-तब उन्होंने अपने तर्कों और तथ्यों से भाजपा को उबारा।राय के मुताबिक जेटली छात्र राजनीति से मुख्यधारा में आए।

1970 के दशक में जो छात्र राजनीति थी, जिससे बहुत सारे राजनीतिक नेता निकले उनमें सबसे अनोखे एवं श्रेष्ठ राजनेता के रूप में अरुण जेटली उभरे। 1973-74 में जब जेपी आंदोलन उभार में था उसी समय दिल्ली छात्र संघ चुनाव में अरुण जेटली अध्यक्ष चुने गए। अध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय इतिहास में पहली बार राष्ट्रीय छात्र सम्मेलन जेटली ने किया।

राम बहादुर राय ने इमरजेंसी के दिनों को याद करते हुए बताया कि बनारस जेल से छूट कर जब मैं दिल्ली आय़ा और जेटली की मां से मिला और उन्हें सांतना देते हुए कहा कि जेटली जल्दी छूट जाएगा, तब जटली की मां ने जो कहा वह मुझे आज भी याद है। उन्होंने कहा कि इसकी परवाह नहीं कि अरुण जेल में है, लेकिन लोकतंत्र वापस आना चाहिए। 

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