लॉस एंजेल्स । अब स्पाइनल मस्कूलर थेरेपी (एस एम ए) रोग के साथ जन्म लेने वाले शिशु को शर्तिया मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकेगा। इसके लिए एफडीए ने अन्तर्राष्ट्रीय दवा कंपनी नवरातिस की एक नई दवा ‘जोलसेंसमा’ जीन थेरेपी को स्वीकृति दे दी है, लेकिन इस दवा की क़ीमत इतनी अधिक है कि एक सामान्य मरीज़ सिहर उठेगा।
विदित हो कि इस जीन थेरेपी इंजेक्शन की क़ीमत 22 लाख डाॅलर है, जिसे पांंच किश्तों में चुकाए जाने का भरोसा दिलाया गया है। विश्व के प्रख्यात लॉस एंजेल्स चिल्ड्रेन अस्पताल की एक वरिष्ठ डाॅक्टर ने नाम नहीं छापे जाने की शर्त पर बताया कि लाखों में एक नवजात शिशु में यह रोग होता है। ऐसे शिशु की जन्म से मांसपेशियांं शिथिल होती है और उन्हें तत्काल जीवन रक्षक प्रणाली की सुविधा नहीं मिले तो उसे बचाया जाना नामुमकिन है। एक बार शिशु स्थिर हो जाता है तो फिर उसे जीन थेरेपी के माध्यम से उपचार किया जाता है। अभी तक ‘न्यूसी नर्सन थेरेपी’ नाम से एक इंजेक्शन का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन उसका असर शत प्रतिशत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस नई दवा के मार्केट में आने से शत प्रतिशत उपचार किया जाना संभव होगा। अमेरिका में बीमा आधारित उपचार की दिशा में इस नई जीन थेरेपी के लिए प्रति किस्त सवा चार लाख डाॅलर अर्थात क़रीब तीन करोड़ रुपये की दर से पांच किश्तों में भुगतान करना होगा।
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