नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में जस्टिस एस. एन. ढींगरा की अगुवाई वाली एसआईटी ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपी। केंद्र सरकार ने कहा है कि अभिषेक दुलार जो एसआईटी के सदस्य हैं, उन्हें डिस्चार्ज किया गया है। अभिषेक दुलार ने वापस सीबीआई ज्वाइन कर लिया है। दो हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि रिपोर्ट याचिकाकर्ता को सौंपी जाए या नहीं। पिछले मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट ने 186 मामलों की जांच के लिए एसआईटी को और समय दे दिया था। 4 दिसम्बर 2018 को कोर्ट ने नई एसआईटी में तीन की बजाय दो सदस्यों के लिए सहमति जताई थी। इस एसआईटी के सदस्य हैं रिटायर्ड हाईकोर्ट जज एस.एन. ढींगरा और आईपीएस अभिषेक दुलार। 11 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय एसआईटी से जांच का आदेश दिया था। इसमें पूर्व आईपीएस राजदीप सिंह भी थे। लेकिन उन्होंने निजी कारणों से असमर्थता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड जजों की बनाई गई कमेटी द्वारा 6 दिसम्बर 2017 को सौंपे गए रिपोर्ट को देखने के बाद कहा था कि उसके द्वारा नियुक्त कमेटी के मुताबिक 241 सिख विरोधी दंगों के मामलों में से 186 को बिना जांच के ही बंद कर दिया गया।
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