रांची । भाजपा की सरकार ने बोकारो के संथालों के तीर्थ स्थल लुंगुबुरु घंटाबाड़ी को विकसित कर सम्मान दिया। संथाली भाषा ओलचिकी को मान्यता दी। पूर्व में संथाल क्षेत्र से मुख्यमंत्री तो बने, लेकिन उन्होंने संथाली भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए क्या किया। यह बात राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने व्यक्त किये।
दास बुधवार को बेरमो विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार योगेश्वर महतो बाटुल के नामांकन के अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि बोकारो का कठरा प्रोजेक्ट 18 वर्ष से बंद था। गुरुजी कोयला मंत्री थे। क्षेत्र के राजेंद्र सिंह भी मंत्री रहे, लेकिन इस दिशा में उन्होंने कार्य नहीं किया। वर्तमान भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने 18 वर्ष के बाद बंद पड़े प्रोजेक्ट को पुनः प्रारंभ करवाया। इससे क्षेत्र के करीब 4 हजार लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ।
उन्होंने कहा कि झारखंड में विस्थापन की जो भी समस्या है, वह कांग्रेस की देन है। वर्तमान सरकार विस्थापन तो करती है, लेकिन पुनर्वास का भी ध्यान रहता है। इसका जीता जागता उदाहरण रांची में नवनिर्मित विधानसभा भवन है, जिसके निर्माण कार्य से विस्थापित लोगों को 245 करोड़ की लागत से कॉलोनी बनाकर बसाया गया। विस्थापित परिवारों को वर्तमान सरकार जमीन का पट्टा भी दे रही है, क्योंकि उन्हें उनकी जमीन का मालिक जो बनाना है। सीसीएल के खनन क्षेत्र से प्रभावित परिवारों को वर्तमान सरकार ने नौकरी उपलब्ध कराई और आने वाले दिनों में जिसकी भी 2 एकड़ जमीन खनन कार्य में जाएगी। सीसीएल उसके परिवार के एक व्यक्ति को अवश्य रोजगार देगा। यह सरकार का निर्णय है।
बिजली मंत्री रहते क्यों नहीं पहुंचाई बिजली
रघुवर दास ने कहा कि बेरमो विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बिजली मंत्री भी रहे, लेकिन बिजली के क्षेत्र में सुधार नहीं किया। सिर्फ ठेकेदारी में लगे रहे। जिस झारखंड के 38 लाख घरों तक कांग्रेस सहित अन्य झारखंड नामधारी पार्टियों ने 67 साल में बिजली पहुंचाई, वहीं डबल इंजन की भाजपा सरकार ने मात्र 5 वर्ष में 30 लाख घरों को बिजली से आच्छादित किया। ग्रिड और सब स्टेशन के काम शुरू हुए, ताकि गांव-शहर के उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से बिजली उपलब्ध हो सके।
रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में एक मजबूत सरकार के लिए, नये झारखंड के निर्माण के लिए राज्य में मजबूत सरकार का होना महत्वपूर्ण है। अब आपको निर्णय लेना है कि आने वाले 5 वर्षों में झारखंड और आने वाली पीढ़ी का भविष्य कैसा होगा। जिस तरह से मिलावटी चीज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, उस तरह मिलावटी सरकार भी राज्य के लिए हितकर नहीं होगी।
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