मुंबई । अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निशाना साधने पर भाजपा ने पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मनमोहन सिंह पहले अपनी विफलता स्वीकार करें। पीयूष गोयल ने कहा कि मनमोहन सिंह मंथन करें कि वह एक ईमानदार सरकार क्यों नहीं दे सके। वह कहां गलत साबित हुए और क्यों नहीं मजबूत अर्थव्यवस्था बनाए रख सकें। उन्होंने कहा कि वह क्यों इतने असहाय रहे कि उन्हें हर फैसला 10 जनपथ (सोनिया गांधी) से पूछ कर लेना पड़ता था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री में खुद अपना निर्णय लेने की क्षमता नहीं थी।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मनमोहन सिंह एक भ्रष्ट सरकार चलाते थे, जिसमें बहुत विवाद हुआ। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र में कांग्रेस के शासन के दौरान भ्रष्टाचार और घोटाले के अलावा कोई नया उद्योग नहीं था। हम गठबंधन सरकार भी चलाते हैं तो वह भ्रष्टाचार से मुक्त होता है।
गौरतालाब है की, अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर डॉ मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। मुंबई में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का विनिर्माण ग्रोथ पिछले चार साल से लगातार घट रहा है। भाजपा को जिसके लिए वोट मिला, उसे पूरा करने में वह नाकाम रही। उन्होंने कहा कि देश में उद्योगों की रफ्तार काफी धीमी हो चुकी है, अर्थव्यवस्था के खराब मैनेजमेंट का खामियाजा उठाना पड़ा है। महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के काफी मामले सामने आ रहे हैं।
महाराष्ट्र की भाजपा सरकार लोगों के हित कीं नीतियां बनाने में नाकाम रही है। मैंने अपने कार्यकाल में महाराष्ट्र के कई नेताओं के साथ काम किया। सभी महाराष्ट्र का हित चाहते थे। किसानों के लिए कर्जमाफी भी हमने की थी।
पीएमसी बैंक मामले में मनमोहन सिंह ने कहा कि इस बैंक को लेकर जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री से इस मामले को देखने और प्रभावित 16 लाख लोगों की शिकायतों का समाधान करने की अपील करता हूं।
उन्होंने कहा कि मैं भारत सरकार, रिजर्व बैंक और महाराष्ट्र सरकार से अपेक्षा करता हूं कि वे एक साथ इस मामले में एक विश्वसनीय और प्रभावी समाधान प्रदान करें जहां 16 लाख जमाकर्ता न्याय पाने की कोशिश कर रहे हैं।
अनुच्छेद 370 पर मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए बिल के पक्ष में मतदान किया, न कि इसके खिलाफ। हमारा मानना है कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी उपाय है लेकिन अगर कोई बदलाव लाना है तो यह जम्मू कश्मीर के लोगों की सद्भावना के साथ होना चाहिए। लेकिन जिस तरह इसे लागू किया गया था, उसका हमने विरोध किया था।
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