शिबू सोरेन (दिशोम गुरु) को भारत रत्न दिलाने हेतु राष्ट्रीय युवा शक्ति का ऐतिहासिक पैदल मार्च और वृक्षारोपण अभियान

Ranchi:राष्ट्रीय युवा शक्ति संगठन, स्वर्गीय शिबू सोरेन (दिशोम गुरु) के समाज सुधार, पर्यावरण संरक्षण और नशा मुक्ति के क्षेत्र में किए गए ऐतिहासिक योगदान को सम्मानित करने के लिए एक सशक्त पहल शुरू कर रहा है। संगठन दिशोम गुरु को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग को लेकर 5, 6 और 7 सितंबर 2025 को उनके पैतृक गांव नेमरा से रांची स्थित राजभवन तक एक भव्य पैदल मार्च का आयोजन करेगा। इस मार्च में राष्ट्रीय युवा शक्ति के केंद्रीय अध्यक्ष श्री उत्तम यादव, सैकड़ों पदाधिकारी, कार्यकर्ता और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उत्साह के साथ हिस्सा लेंगे। यह मार्च न केवल दिशोम गुरु के महान कार्यों को रेखांकित करेगा, बल्कि उनके विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुँचाने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक प्रबल संदेश देगा।
दिशोम गुरु के पर्यावरण के प्रति प्रेम और उनके द्वारा किए गए प्रयासों को सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय युवा शक्ति उनकी आयु के समान वृक्षारोपण अभियान शुरू करेगा। इस अभियान की शुरुआत 1 सितंबर 2025 को उनके पैतृक गांव नेमरा में 11 वृक्षों के रोपण के साथ होगी। इसके बाद, यह अभियान विभिन्न स्थानों पर निरंतर जारी रहेगा, जिसका उद्देश्य हरित भारत के निर्माण में योगदान देना और दिशोम गुरु के पर्यावरण संरक्षण के संदेश को जीवित रखना है। यह पहल न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगी, बल्कि समाज को प्रकृति के प्रति जागरूक करने का एक प्रेरणादायी कदम भी होगी।
राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष श्री उत्तम यादव ने अपने संदेश में कहा, “आज भारत के कई राज्य जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और अन्य क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ की चपेट में हैं। ये आपदाएँ प्रकृति के साथ छेड़छाड़ का परिणाम हैं। स्वर्गीय शिबू सोरेन (दिशोम गुरु) ने 50 वर्ष पहले अपनी युवावस्था में पर्यावरण संरक्षण के लिए अनुकरणीय कार्य किए थे। उन्होंने न केवल प्रकृति की रक्षा की, बल्कि नशे के खिलाफ भी एक ऐतिहासिक मुहिम चलाई। आज देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में युवा नशे की गिरफ्त में हैं, जिससे सामाजिक और पारिवारिक ताना-बाना कमजोर हो रहा है। दिशोम गुरु ने समाज को नशा मुक्ति का मार्ग दिखाया और सामाजिक एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके ये प्रयास उन्हें भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान का सच्चा हकदार बनाते हैं।”

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