डीएवी हेहल के बच्चों ने मनाया ग्रैंड पेरेंट्स डे,उनके सम्मान में लगाई प्राचीन वस्तुओं की प्रदर्शनी

Ranchi: डीएवी पब्लिक स्कूल हेहल,राँची में ग्रैंड पेरेंट्स डे को’शुभाशीष’ दिवस के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि प्रखर आर्य समाजी,डी. ए. वी. प्रबंधन समिति,नई दिल्ली के स्थायी  सदस्य श्री एस एल गुप्ता जी एवं विशिष्ट अतिथि श्रीमती सुशीला गुप्ता जी,चेयर पर्सन,आर्य समाज,राँची थे।
कार्यक्रम की शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं स्वागत गान के साथ हुआ।
विद्यालय के प्राचार्य श्री एस के मिश्रा जी ने सभी अतिथियों का स्वागत सैपलिंग एवं शॉल ओढ़ाकर किया।
उन्होंने इस स्वर्णिम अवसर पर सभागार में उपस्थित सभी बड़े-बुजुर्गों का संबोधन – ‘मातृदेवो भव ! पितृ देवो भव!पितामह-पितामही देवो भव’ से किया।उन्होंने कहा कि जो अभिवादनशील होते हैं उनकी चार चीज़ें-आयु ,विद्या,यश और बल की वृद्धि होती है।
उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि ‘ईश्ववर मनुष्य का निर्माण करता है,किंतु मनुष्यों में नैतिक मूल्यों का संचार डी ए वी संस्था करती है।’ माता-पिता एवं हम सभी शिक्षकों का परम कर्तव्य है कि बच्चों में नैतिक मूल्यों का संवर्द्धन करें।’उन्होंने मानस की एक पंक्ति को उद्धृत करते हुए कहा कि ‘प्रातःकाल उठी के रघुनाथा।मातु-पितहिं गुरु नावहिं माथा।
बच्चे अपने बुजुर्गों की परंपरा रूपी विरासत एवं उनकी अहमियत को समझें व अपने दादा-दादी, नाना-नानी के समीप बैठें,उनकी ज्ञानवर्धक बातों को सुनें और उनकी सेवा करें एवं बड़े-बुजुर्ग भी अपने बच्चों में संचित संस्कार का सिंचन करें।
डी ए वी पब्लिक स्कूल्स झारखंड जोन ‘ बी ‘ के सहायक क्षेत्रीय अधिकारी श्री एम के सिन्हा जी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘मखमल के गद्दों में भी वह सुकून कहाँ,जो सुकून दादी और नानी माँ की गोद में मिलता है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिस घर में बुजुर्गों का साथ होता है, वह घर स्वर्ग से भी महान होता है।वे बच्चे बहुत ही सौभाग्यशाली हैं,जिन्हें दादा-दादी, नाना-नानी का सान्निध्य प्राप्त है।आज हम चांद पर पहुंच गए हैं,सागर की गहराइयों में भी तैर लेते हैं किन्तु जमीन में चलना कठिन हो रहा है। हमें अपने दादा-दादी से संस्कार सीखने की आवश्यकता है।
इस अवसर
इस अवसर पर विभिन्न मनमोहक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया गया एवं दादा-दादी,नाना-नानी के जमाने की घरेलू उपयोगी वस्तुओं जैसे-टेपरिकार्डर,टाईप राईटर,खटिया,मचिया, कैमरा पुराने सिक्के, मिट्टी एवं धातु के बर्तन, लालटेन, ग्रामोफोन, घड़ी,टॉर्च,टी वी एवं साहित्यिक ग्रन्थ-वेद-पुराण,गीता,उपनिषद,रामायण को प्रदर्शित किया गया।इन वस्तुओं से बच्चे अपनी प्राचीन विरासत एवं धरोहर को जानेंगे एवं समझेंगे।
इस अवसर पर विशेष रूप से श्री राजेन्द्र कुमार आर्य,प्रधान आर्य समाज राँची,श्री एस के सिन्हा, प्राचार्य डीएवी पब्लिक स्कूल,गाँधीनगर सह प्रबंधक स्थानीय समिति डीएवी हेहल,राँची,श्री वी के पाण्डेय,प्राचार्य डीएवी बरियातु,राँची,श्री एस के मिश्रा,प्राचार्य एस आर डीएवी पुंदाग,राँची,श्रीमती रोशी बाधवानी,मुख्याध्यापिका,आनंद स्वामी डीएवी पब्लिक स्कूल,वेस्ट एन्ड पार्क,राँची,श्री मनोज कुमार मिश्रा सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं वृद्धाश्रम बरियातु,राँची के सभी वृद्धाश्रमवासी तथा कक्षा नर्सरी से कक्षा पाँचवीं तक के विद्यार्थियों के दादा-दादी एवं नाना-नानी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शालिनी प्रसाद, अनुपमा रानी, मधुमिता विश्वास ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की समन्वयिका श्रीमती अनुराधा सिंह ने किया।सभी ने इस कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

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