नई दिल्ली। वर्ष 1998 से 2015 तक भारत में वयस्क ऊंचाई के रुझान राष्ट्रीय परिवार और स्वास्थ्य सर्वेक्षण से साक्ष्य’ के नाम से किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अब भारतीयों के शरीर की लंबाई नहीं बढ़ रही है। अध्ययन के अनुसार, भारत में 2005-06 से 2015-16 तक वयस्क पुरुषों और महिलाओं की औसत ऊंचाई में 1998-99 की वृद्धि के बाद गिरावट देखी गई है।
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सबसे गरीब तबके की महिलाओं और आदिवासी महिलाओं में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। भारत में यह ट्रेंड ग्लोबल ट्रेंड से उलट दिख रहा है। क्योंकि इससे पहले कई अध्ययनों से पता चला है कि दुनिया भर में वयस्कों की औसत ऊंचाई बढ़ रही है। इस अध्ययन के लेखकों ने कथित तौर पर कहा, ‘दुनिया भर में औसत ऊंचाई में बढ़ोतरी के संदर्भ में, भारत में वयस्कों की औसत ऊंचाई में गिरावट चिंताजनक है।
’भारत में लंबाई घटने की प्रवृत्ति वैश्विक प्रवृत्ति के विपरीत दिखाई देती है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि दुनियाभर के दूसरे देशों में वयस्कों की ऊंचाई बढ़ रही है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के लिए यह चिंताजनक बात है। इसके साथ ही कई विशेषज्ञों ने इसके कारणों का पता लगाने के लिए जांच की भी मांग की है।
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स्टडी में यह भी दावा किया गया है कि ऊंचाई बढ़ने के पीछे सिर्फ आनुवांशिक कारण ही नहीं है। इसमें कई तरह के गैर आनुवांशिक कारण भी शामिल हैं। अध्ययन में यह सामने आया कि महिलाओं में औसत ऊंचाई लगभग 0.42 सेमी कम हो गई है जबकि पुरुषों की औसत ऊंचाई में 110 सेमी की गिरावट दर्ज की गई है।विशेषज्ञों का मानना है कि विभिन्न आनुवंशिक समूहों के रूप में भारत की आबादी के लिए ऊंचाई के विभिन्न मानकों को समझने और कारण का पता लगाने के लिए जांच की विशेष रूप से आवश्यकता है।
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