International : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज चीन के अपने समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर बात की। दोनों नेताओं के बीच बात ऐसे समय में हुई, जब अमेरिकी पक्ष में इस बात को लेकर निराशा है कि बाइडन प्रशासन के कार्यकाल के शुरुआती दिनों में दोनों देशों के नेताओं के शीर्ष सलाहकारों के बीच उच्च स्तरीय संपर्क का कोई नतीजा नहीं निकला। बाइडन के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद दोनों नेताओं के बीच ये टेलिफोन पर दूसरी वार्ता है। इस समय दोनों देशों के बीच असहमति वाले मुद्दों की कोई कमी नहीं है, जिसमें चीन से उत्पन्न साइबर सुरक्षा उल्लंघन, बीजिंग द्वारा कोरोनावायरस महामारी से निपटने के तरीके और व्हाइट हाउस के मुताबिक चीन की प्रतिरोधी और अनुचित व्यापार गतिविधियां शामिल हैं।
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बताया गया है कि जिनपिंग को फोन करने के पीछे बाइडन का जो उद्देश्य था वह इन मुद्दों में से किसी पर केंद्रित नहीं था। इसके बजाए यह संवाद अमेरिका-चीन संबंधों के लिए आगे के रास्ते की चर्चा करने पर केंद्रित था। दोनों नेताओं के बीच फोन पर 90 मिनट तक बात हुई। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, ‘‘दोनों नेताओं के बीच एक व्यापक, रणनीतिक चर्चा हुई जिसमें उन्होंने उन क्षेत्रों पर बात की जहां हमारे हित मिलते हैं, और उन क्षेत्रों पर जहां हमारे हित, मूल्य और दृष्टिकोण अलग हैं।’’
चीन के सरकारी टीवी ने अपनी वेबसाइट पर खबर दी कि दोनों नेताओं के बीच ‘‘स्पष्ट, गहन, व्यापक रणनीतिक संवाद हुआ।’’ हालांकि, इस बारे में और जानकारी नहीं दी गई। व्हाइट हाउस ने उम्मीद जताई कि बढ़ते मतभेदों के बावजूद दोनों पक्ष जलवायु परिवर्तन और कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु संकट को रोकने सहित साझे सरोकार के मुद्दों पर मिलकर काम कर सकते हैं।
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चीन ने अमेरिकी दबाव का विरोध करते हुए कहा है कि जब तक बाइडन चीन के आंतरिक मामलों की आलोचना बंद नहीं करते तब तक बीजिंग व्यापक रूप से असहयोग जारी रख सकता है। बाइडन के करीब आठ महीने के कार्यकाल में उन्होंने और उनके सहयोगियों ने कई चिंताजनक मुद्दों पर चीन से संवाद के प्रयास किए और अन्य मुद्दों के लिए साझा आधार तलाशने की कोशिश की लेकिन यह एक नाकाम रणनीति साबित हुई।
दोनों नेताओं की बातचीत से पहले बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीन के साथ पहले की बातचीत से व्हाइट हाउस असंतुष्ट है और ऐसी उम्मीद है कि बाइडन द्वारा शी से सीधे बातचीत करना लाभकारी साबित हो सकता है।
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