National : जेईई मेन 2021 की परीक्षा कराने में कथित गड़बड़ी के आरोप में एफनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया था। साथ ही एजेंसी ने गुरुवार को देशभर में 20 ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। छापेमारी के बाद मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच टीम ने शुक्रवार को संस्थान निदेशकों और सहयोगियों समेत सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने बताया कि एक सितंबर को जांच एजेंसी ने इंस्टीट्यूट, इसके तीन निदेशकों सिद्धार्थ कृष्ण, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय, उनके दलालों/ सहयोगियों और परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टाफ और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
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परीक्षा खत्म होते हीं 20 ठिकानों पर की छापेमारी
उन्होंने बताया कि एजेंसी छापे की कार्रवाई के लिए परीक्षा के खत्म होने का इंतजार कर रही थी। छापे की कार्रवाई दिल्ली-एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बेंगलुरु में 20 जगहों पर की गई। उन्होंने बताया कि छापों के दौरान 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर, करीब 30 पोस्ट डेटेड चेक के साथ ही कई अहम दस्तावेज और उपकरण भी जब्त किए गए हैं। इनमें विभिन्न छात्रों के पीडीसी मार्कशीट भी हैं।
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ऑनलाइन परीक्षा में छेड़छाड़ का आरोप
उन्होंने बताया कि आरोप है कि निदेशकों ने अन्य सहयोगियों और दलालों के साथ मिलकर जेईई मेन 2021 की ऑनलाइन परीक्षा में छेड़छाड़ की और प्रतियोगी छात्रों से बड़ी धनराशि लेकर उनके प्रश्न – पत्र हल करवाए। इस काम के लिए आरोपियों ने हरियाणा के सोनीपत में एक परीक्षा केंद्र को चुना था।
प्रति छात्र 12 से 15 लाख रुपये वसूलते
यह भी आरोप है कि आरोपी अपने बचाव के लिए प्रतियोगी छात्रों की 10वीं और 12वीं कक्षाओं की मार्कशीट, उनकी आईडी, पासवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। साथ ही उन्होंने छात्रों से पोस्ट डेटेड चेक भी लिए थे और दाखिला होने के बाद वे प्रति छात्रों से 12 से 15 लाख रुपये लेते। उन्होंने बताया कि इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच चल रही है!
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