Health : लो ब्लडप्रेशर या हाइपोटेंशन एक ऐसी बिमारी है जिसमें ब्लड प्रेशर ९०/६० से भी कम हो जाता है।इसके कारण शरीर में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और मस्तिष्क, हृदय तथा गुर्दे में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है।बाद में ये अंग क्षतिग्रस्त होने लगते है।
निम्न लक्षणों के आधार पर लो ब्लड प्रेशर की पहचान की जाती है।
1)चक्कर आना
2)धुंधला दिखना
3) बेहोशी और चक्कर
4)सीने में दर्द
5)सांस लेने में समस्या
6)सिरदर्द
लो ब्लड प्रेशर या हाइपो टेंशन के इलाज से पहले उसके कारणों को पहचानना जरूरी है। जो आंतरिक रक्तस्राव, दुर्घटना में अधिक खून निकलना,मानसिक तनाव,पानी की कमी और गर्भावस्था हो सकता है। टेंशन ,डिप्रेशन और बीपी के दवा का अधिक डोज ,इन्फेक्शन और अत्यधिक एलर्जी से भी ऐसा होता है।
और पढ़ें : कल से 6 दिन बंद रहेंगे बैंक,जुलाई महीने में बैंकों की कई छुट्टियां
ऐसी स्थिति में सबसे पहले तकिया लगाकर या बेड को उपर कर पैरों को ऊपर उठा दिया जाता है। इंजेक्शन निडल के जरिए आइवी में रक्त दिया जाता है। आइवी ड्रीप से एन एस दिया जाता है। आइवी के सहारे ही ऐसी दवाएं दी जाती है जो बीपी को बढ़ाती है।मरीज के पैरो में कंप्रेस स्टोकिंग पहना दिया जाता है ताकि पैरों में रक्त जमा नहीं हो।
इसे भी देखें : आप दांत के बीमारी से परेशान हैं या आपके बच्चों के दांतो में सड़न हो रही हो तो पूरी वीडियो जरूर देखें
लो बीपी की समस्या हमेशा होने पर प्रतिदिन ५-६ लीटर पानी लेना चाहिए।जुस और दूध भी लाभकारी होता है। पैर से जांघ तक को कवर करने वाली कंप्रेशन स्टोकिंग पहनना अनिवार्य होता है। पलंग या खाट को थोड़ा ऊंचा कर सोने कहा जाता है ।आहार में नमक की मात्रा बढ़ाने की सलाह दी जाती है।
डा जितेंद्र सिन्हा
जसलोक अस्पताल
इटकीरोड, रांची
This post has already been read 13588 times!