नई दिल्ली। अगले वर्ष के शुरु में होने वाले दिल्ली विधानसभा के चुनावों को लेकर राजधानी में राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ने लगी हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अपनी सरकार के पांच साल में किए गए कार्यों का रिपोर्ट कार्ड पेश करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पांच साल के कार्यकाल को नाकामियों से भरा बताते हुए राजधानी के लोगों के साथ झूठ बोलने और विश्वासघात करने का आरोप लगाया है।
दिल्ली के दिल कनाट प्लेस के सेंट्रल पार्क में कड़ाके की ठंड में भाजपा के स्थानीय दिग्गज नेता जुटे और केजरीवाल के रिपोर्ट कार्ड के जबाव में आप सरकार पर जनता का आरोप पत्र पेश किया। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राज्यसभा सांसद विजय गोयल, लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश साहेब सिंह वर्मा दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता समेत अन्य कई बड़े नेता मौजूद रहे।
गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस की तरफ से भी शुक्रवार को केजरीवाल सरकार के रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा कर उन पर दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए गए थे।
वर्ष 2015 में हुए दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में श्री केजरीवाल की अगुवाई में आप पार्टी ने सभी राजनीतिक पंडितों के चुनाव अनुमानों को पूरी तरह झुठलाते हुए 67 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। तीन बार से सत्ता में रही कांग्रेस का झोली बिल्कुल खाली रह गई थी जबकि 15 वर्ष से सत्ता में वापसी का सपना संजोए भाजपा को तीन सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आक्रामक तरीके से फिर से दिल्ली में केजरीवाल के लिए कड़ी चुनौती देने के लिए जुटी हुई हैं। श्री केजरीवाल ने अपनी सरकार के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी के क्षेत्र में उठाए कदमों का विशेष रुप से उल्लेख किया था। रिपोर्ट कार्ड में दिल्ली का पांच साल पहले के 30 करोड़ रुपए के बजट को दुगना करना 60 हजार करोड़ रुपए करने का जिक्र करने के अलावा दिलली परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा, दिल्ली में 200 यूनिट तक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ता को मुफ्त बिजली, पानी के बिलों को माफ करना, बुजुर्गों के लिए तीर्थ स्थलों की मुफ्त सैर और हाल में शुरु की गई मुफ्त वाई फाई सेवा को विशेष रुप से रेखांकित किया था।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केजरीवाल सरकार के रिपोर्ट कार्ड जारी होने के बाद आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं। दोनों ही पार्टियों ने रिपोर्ट कार्ड को पिछले चुनाव के समय किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए इसे धोखा करार दिया था। दोनों ही दलों ने पिछले पांच साल में दिल्ली सरकार के अस्पतालों की स्थिति दयनीय बताते हुए कहा था कि वर्ष 2015 में आप पार्टी ने राजधानी में 500 नये स्कूल खोलने का वादा किया था जबकि एक भी नया स्कूल नहीं खोला गया। अलबत्ता वर्तमान स्कूलों में कक्ष निर्माण के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया। बीस नये कालेज खोलने का वादा था जबकि एक भी नहीं खोला गया।
पेयजल को भी लेकर केजरीवाल सरकार केंद्र के साथ ही प्रदेश भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को भी राजधानी में पेयजल को लेकर केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला।
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