भाजपा-आरएसएस को नष्ट नहीं करने देंगे असम की संस्कृति : राहुल गांधी

गुवाहाटी। असम के इतिहास, संस्कृति को भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को कभी नष्ट नहीं करने देंगे। भाजपा हमारी संस्कृति और इतिहास पर हमला कर रही है लेकिन उसके मनसूबों को पूरा नहीं होने दूंगा। नफरत और गुस्से से असम आगे नहीं बढ़ेगा। सुख और दुख दोनों ही मौकों पर मैं आपके साथ खड़ा हूं। यह बात कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की 135वें स्थापना दिवस के मौके पर शनिवार को गुवाहाटी के खानापाड़ा स्थित पशु चिकित्सा महाविद्यालय खेल मैदान पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले स्थापना दिवस के मौके पर गुवाहाटी में कांग्रेस द्वारा ‘अस्तित्व रक्षा’ रैली भी निकाली गई।

नागरिकता संशोधन अधिनियम(सीएए) को लेकर सबसे पहले असम में विरोध प्रदर्शन आरंभ हुआ था। असम के कुछ संगठनों द्वारा यह प्रचारित किया जा रहा है कि नए कानून के चलते बड़ी संख्या में बांग्लादेशी हिंदुओं को लाकर बसाया जाएगा, जिसके चलते असमिया भाषा, संस्कृति, इतिहास के साथ ही आर्थिक और राजनीतिक अधिकार समाप्त हो जाएंगे। राज्य में हिंसक आंदोलन आरंभ होते देख कांग्रेस पार्टी को सत्ताधारी पार्टी भाजपा पर हमला करने का एक मुद्दा मिल गया, जिसके चलते कांग्रेस सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन कर जनता को अपनी ओर खींचने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया। राहुल गांधी कांग्रेस के स्थापना दिवस की आड़ में भाजपा और आरएसएस की नीतियों पर हमला करने के लिए आज पहुंचे थे। शाम पांच बजे वे दिल्ली लौट गए।

खानापाड़ा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार नहीं है। जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री कभी भी रोजगार की बातें नहीं करते हैं। आर्थिक मुद्दे पर भाजपा के नेता कुछ भी नहीं बोलते। इनका काम केवल भारत को तोड़ना है, जबकि कांग्रेस सभी को एक साथ लेकर आगे चलने में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि वे प्रति वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देंगे लेकिन उन्होंने कितना रोजगार दिया, यह देशवासियों के सामने है।

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर पूंजीपतियों के हवाले से हमला करते हुए कहा कि उन्होंने तीन लाख 50 हजार करोड़ रुपये अपने पूंंजीपति मित्रों को दिए। जबकि एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये पूंजीपतियों का टैक्स माफ किया। वहीं देश की गरीब जनता के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने किसानों को कितना पैसा दिया। कितना किसानों और छोटे व्यवसायियों का ऋण माफ किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने देश को पूंजीपतियों के हाथों में सौंप दिया है।’

सीएए को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि वर्तमान समय में असम की जनता अच्छी तरह से समझ रही है। असम की जनता अपनी भाषा, संस्कृति, इतिहास को अच्छी तरह से समझती है। राज्य के लोग यह बात समझती है कि एक साथ मिलकर भाईचारे के साथ किस तरह से आगे बढ़ा जा सकता है। असम के इतिहास और संस्कृति पर भाजपा व आरएसएस को हमला नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि असम केवल असम की जनता के द्वारा ही संचालित होगी, किसी दूसरे के हाथों नहीं।

राहुल गांधी ने असम समझौते के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि इसके जरिए राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सफलता मिली है। 1985 के असम समझौते के अनुसार, 24 मार्च 1971 के बाद धर्म या भाषा के बावजूद असम में प्रवेश करने वाले विदेशियों को नागरिकता नहीं मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि असम समझौता आंदोलन का समापन बिंदु था, जिसमें सभी क्षेत्र के लोगों की भागीदारी देखी गई थी जो “घुसपैठ मुक्त असम” चाहते थे। समझौते पर केंद्र और राज्य के अधिकारियों के बीच हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें सभी विदेशियों को राज्य से बाहर निकालने की बात थी लेकिन भाजपा सरकार राज्य में विदेशियों को बसाने की बात कर रही है, जो असम समझौते का उल्लंघन है। गांधी ने कहा कि कांग्रेस भाजपा की नीतियों के रास्ते में खड़ी रहेगी। हम भाजपा को पूर्वोत्तर की पहचान और संस्कृति को नष्ट नहीं करने देंगे।

सीएए के विरोध के मद्देनजर राज्य में तनाव-भरे माहौल के बीच शांति और एकता का आह्वान करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि लोगों को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि आपकी शक्ति आपकी एकता में निहित है। कांग्रेस राज्य की जनता की खुशी और दुख में हमेशा साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

जनसभा में राहुल गांधी के पहुंचने पर असम प्रदेश कांग्रेस की ओर से असमिया गमछा पहना कर उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा, पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, असम प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरिश रावत, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया, विधायक व पूर्व मंत्री रकीबुल हुसैन, सांसद गौरव समेत अन्य कई नेता मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि असम प्रदेश कांग्रेस इस जनसभा के जरिए राज्य की जनता की भावनाओं को भड़काकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश की लेकिन राहुल गांधी के भाषणों से ऐसा होता नहीं दिखा। जनसभा के बाद राहुल गांधी पिछले दिनों हिंसक आंदोलनों के दौरान पुलिसिया कार्रवाई में मारे गए दो युवकों के घर पहुंचकर मृतक के परिजनों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाते हुए राज्य की जनता की सहानुभूति बंटोरने की कोशिश की।

This post has already been read 6840 times!

Sharing this

Related posts