मुंबई। गैर- बैंकिंग क्षेत्र की कई बड़ी कंपनियों द्वारा भुगतान दायित्वों को समय पर पूरा नहीं कर पाने के चलते गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र का सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात जो कि 2017-18 में 5.3 प्रतिशत पर था 2018-19 में उछलकर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गया। आईएलएंडएफएस के कर्ज भुगतान में असफल रहने की वजह से एनबीएफसी क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। आरबीआई ने बैंकिंग क्षेत्र की प्रवृत्ति एवं प्रगति 2018-19 रिपोर्ट में कहा कि जहां तक शुद्ध एनपीए अनुपात की बात है 2018-19 में यह मामूली बढ़कर 3.4 प्रतिशत रहा। एक साल पहले यह अनुपात 3.3 प्रतिशत पर था। बैंक ने रिपोर्ट में कहा कि 2019-20 में सितंबर तक सकल एनपीए अनुपात में मामूली वृद्धि से एनबीएफसी क्षेत्र की परिसंपत्ति गुणवत्ता बिगड़ी है। हालांकि, रिपोर्ट में एनबीएफसी के सितंबर एनपीए अनुपात का आंकड़ा नहीं दिया गया है। सहकारी बैंकों के बारे में इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हालत बिगड़ने से उनकी कुल संपत्ति वर्ष 2005 में वाणिज्यिक बैंकों की कुल संपत्ति के 19.4 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में आधे के करीब पहुंचकर 10.6 प्रतिशत रह गई।
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