नई दिल्ली/कोलकता। बहुराष्ट्रीय पेशेवर सेवा नेटवर्क, केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सूक्ष्मवित्त क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं है।रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच साल के दौरान इस क्षेत्र में 48 प्रतिशत की सकल वृद्धि दर्ज की गई। इस वृद्धि के बावजूद मौजूदा बाजार के एक चौथाई क्षेत्र में ही इसकी पैठ बनी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी भारत सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र का सूक्ष्मवित्त क्षेत्र में अहम योगदान रहा है। इन क्षेत्रों में ही कुल ऋण का सबसे ज्यादा 35 प्रतिशत हिस्सा दिया गया है। केपीएमजी के भारत में प्रमुख (वित्तीय सेवायें) गायत्री पार्थसारथी ने गुरुवार को रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि गत पांच वर्षों के दौरान सूक्ष्मवित्त क्षेत्र में 48 प्रतिशत की समग्र वृद्धि दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में अभी और वृद्धि की गुंजाइश बनी हुई है। वर्तमान में जो बाजार है उसमें 25 प्रतिशत क्षेत्र में ही इसकी पैठ बनी है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्मवित्त क्षेत्र की कंपनियां अपने सामाजिक उद्देश्य को पूरा करने और अपने मार्जिन को बढ़ाने के लिये ऋण सुविधाओं से भी आगे बढ़कर सक्रियता के साथ गतिविधियां बढ़ा रहीं हैं। पार्थसारथी ने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये परिचालन तौर तरीकों, सूक्ष्म वित्त साधनों में विविधता, भागीदारी मॉडल और कंपनियों की सुविधाओं को पहुंचाने की क्षमता में बदलाव की भी जरूरत होगी। उल्लेखनीय है कि केपीएमजी इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एक बहुराष्ट्रीय पेशेवर सेवा नेटवर्क है।
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