सऊदी अरब में बचा हुआ खाना फेंकने की आदत का विरोध

रियाद। सऊदी अरब में बचा हुआ खाना फेंकने की तेजी से फैलती संस्कृति और भोजन की भारी बर्बादी के विरोध में उतरे लोग अब इसे रोकने के कुछ नायाब तरीके सामने लेकर आए हैं। सऊदी अरब में एक ऐसी थाली तैयार की गई है जिसमें खाना ज्यादा परोसा हुआ दिखेगा और बर्बादी कम से कम होगी। खाड़ी देश के ज्यादातर हिस्सों में खाना ज्यादा और ठाठ से परोसे जाने को बड़प्पन और मेहमान नवाजी के सांस्कृतिक गुण के तौर पर देखा जाता है, लेकिन इस तरह से परोसा गया ज्यादातर खाना कूड़े में जाता है। सऊदी अरब के घरों में बड़ी अंडाकार थाली परोसी जाती है जिसमें चावल का एक टीला सा खड़ा कर दिया जाता है लेकिन इसमें से ज्यादातर बर्बाद हो जाता है क्योंकि कई लोग बस थाली के दोनों ओर से चावल खा लेते हैं और बमुश्किल ही बीच तक पहुंच पाते हैं। उद्यमी मशाल अल्काहरशी इस आदत से लड़ रहे हैं। उन्होंने एक ऐसी थाली बनाई है जिसमें खाना ज्यादा दिखता है। थाली के बीच में गोल सा एक हिस्सा बनाया गया है जिसकी गहराई कम होने की वजह से लोग खाना कम परोसेंगे और ज्यादा बचत कर पाएंगे। अल्काहरशी ने कहा, ‘‘पश्चिम एशिया से प्रेरणा लेकर तैयार किया गया यह नया डिजाइन, खाने की बर्बादी 30 प्रतिशत तक कम करता है।’’  साथ ही उन्होंने बताया कि सऊदी अरब के कई रेस्तराओं द्वारा इस थाली को प्रयोग में लाने के बाद से 3,000 टन चावल की बचत हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरीके से हम भोजन की बर्बादी रोक कर अपनी मेहमान नवाजी की संस्कृति को भी बचाए रख सकते हैं।’’ सऊदी में खाने की बर्बादी की दर विश्व में सबसे ज्यादा है। पर्यावरण, जल एवं कृष मंत्रालय के मुताबिक सऊदी अरब में प्रत्येक घर सालाना 260 किलोग्राम खाना बर्बाद करता है जबकि इसकी तुलना में वैश्विक औसत 115 किलोग्राम का है।

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