रांची । कांके थाना क्षेत्र के सर्वोदय नगर के रहने वाले अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की हत्या के विरोध में रांची सिविल कोर्ट के वकील मंगलवार को न्यायिक कार्यों से अलग रहे। रांची जिला बार एसोसिएशन के महासचिव कुंदन प्रकाशन ने इसे लेकर रांची सिविल कोर्ट के प्रधान नियुक्त को पत्र लिखा है।
पत्र में कहा गया है कि रांची जिला बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह की निर्मम हत्या अपराधियों के द्वारा गोली मारकर कर दी गयी। इसके अलावा अधिवक्ता चंदन कुमार दीक्षित और जितेंद्र कुमार वर्मा पर भी जमीन माफिया और अपराधियों के द्वारा लगातार हमले हो रहे हैं, जिससे हम सभी अधिवक्ता मर्माहत है। इस तरह की घटना के विरोध में रांची जिला बार एसोसिएशन की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 10 दिसंबर को सभी अधिवक्ता अपने कार्यों से अलग रहेंगे।
सीसीटीवी फुटेज हुई जारी, दो हिरासत में
कांके डैम साइड के पास सर्वोदय नगर में सोमवार की देर शाम सिविल कोर्ट के वकील राम प्रवेश सिंह की गोली मारकर हत्याकांड में मंगलवार को सीसीटीवी फुटेज जारी हुई है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा गया है कि ब्लू जैकेट पहने युवक ने गोली मारी। युवक पहले वकील राम प्रवेश के सामने आता है। इसके बाद हथियार निकाल कर गोली मार देता है। इससे पूर्व वकील राम प्रवेश खड़े होकर युवक की तरफ देखते है। सीसीटीवी फुटेज में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि युवक की उम्र करीब 20 से 23 के बीच है। जैकेट पहने रहने के चलते युवक का चेहरा स्पष्ट नही हो सका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। इससे पूर्व शूटर ने रामप्रवेश सिंह को सटाकर आंख के नीचे गोली मारी थी, जो पीछे से निकल गई थी। परिजन आनन-फानन में उन्हें रिम्स लेकर पहुंचे थे मगर रास्ते में ही उनकी मौत हो गई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार हत्या के पीछे जमीन विवाद बताया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में छोटू लकड़ा और रमेश गाड़ी को हिरासत में लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
जमीन का है विवाद
मृतक के पुत्र अभिषेक सिंह ने बताया था कि उनके पिता ठाकुरगांव से कार से घर लौटे थे। जैसे ही वह गेट के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी। अभिषेक के अनुसार घर से कुछ ही दूरी पर जयपुर रोड में उनकी 81 डिसमिल जमीन है। जिसको लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी जमीन को लेकर रमेश गाड़ी ने छोटू लकड़ा, रवि और रुकमणि के साथ मिलकर हत्या कराई है। अभिषेक ने बताया कि दिवाली के समय भी उसके पिता पर हमला किया गया था, मगर उस वक्त वे बाल-बाल बच गये थे। घटना की सूचना मिलने के बाद महाधिवक्ता अजीत कुमार, डीआईजी अमोल वेणुकांत होमकर, एसएसपी अनीश गुप्ता भी रिम्स पहुंचे थे।
परिवार की सुरक्षा में लगाये गये सुरक्षाकर्मी
महाधिवक्ता अजीत कुमार ने डीआईजी और एसएसपी से परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराने को कहा है। डीआईजी ने परिवार को चार-एक की सुरक्षा देने की बात कहते हुए फोर्स उपलब्ध करायी है।
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