100 दिन में 18 राज्यों में 676 वन धन विकास केंद्र खोलने की मंजूरी

नई दिल्ली। आदिवासी समाज के सशक्तिकरण के लिए आरंभ की गयी महत्वकांक्षी ‘प्रधानमंत्री वन धन योजना’ के पहले 100 दिन में 18 राज्यों में 676 वन धन विकास केंद्र खोलने को मंजूरी दी गयी है जिनसे दो लाख से अधिक लोगों को सीधे लाभ मिलेगा।

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राईफेड) के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक प्रवीर कृष्ण ने बताया कि देशभर में 24 राज्यों से वन धन विकास केंद्र खोलने के प्रस्ताव मिले है। इनमें 18 राज्यों के 676 वन धन विकास केन्द्रों को मंजूरी दे दी गयी हैं। इनसे दो लाख 740 लोगों को सीधे लाभ मिलेगा और उनका आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण होगा। नरेंद्र मोदी सरकार ने वन धन योजना की शुरुआत इसी वर्ष 27 अगस्त को की और इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ट्राईफेड को सौंपी। वन धन विकास केंद्रों के लिए अभी तक 99. 81 करोड़ रुपए की राशि की जा चुकी है।

अगले पांच वर्ष में प्रत्येक वर्ष 3000 वन धन केंद्र खोलने की योजना बनायी गयी है। इनके दायरे में लगभग 45 लाख आदिवासी परिवार और दो करोड़ लोग होंगे। इन केंद्रों के जरिए तैयार होने वाले हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को देश भर में फैले 117 ‘ट्राइब्स इंडिया’ स्टोर के माध्यम से बेचा जाएगा।

वन धन योजना का उद्देश्य आदिवासी समाज में उद्यमिता की भावना विकसित करना तथा स्थानीय संसाधनों विशेषकर वनाेपज में मूल्यवर्धन करना है। इसके तहत जनजातीय क्षेत्रों में आदिवासी स्व सहायता समूह का गठन किया जा रहा है जो एक कंपनी के रुप में विकसित होंगे।

कृष्ण ने बताया कि प्रत्येक राज्य में वन धन विकास केंद्र की दो इकाई प्रदर्शन के तौर पर बनायी जाएगीं। कुल 11 राज्यों ने ये केंद्र बनाने के लिए क्षेत्र का चयन कर लिया है। इनकी स्थापना इसी महीने के अंत तक कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि वन धन योजना के बारे में जानकारी देेने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दो और राज्य स्तर पर पांच कार्यशालायें आयोजित की गयी हैं। इनमें मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, प्रधान सचिवों, राज्यों की नोडल एजेंसियों के प्रतिनिधियों, सरकारी एजेंसियों और आदिवासी समाज के प्रमुख व्यक्तियों ने हिस्सेदारी की थी।

This post has already been read 6791 times!

Sharing this

Related posts