नई दिल्ली । प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया है। 9 अगस्त 2016 को पीएमआरवाई के नाम से नया व्यवसाय शुरू करने वालों के लिए यह योजना तैयार की गई थी इस योजना के अंतर्गत खोले गए कारोबार मैं श्रमिकों का ईपीएफ और ईपीएस में नियोक्ता को जो 12 फ़ीसदी राशि जमा करनी होती थी। उसे सरकार ने इस योजना के अंतर्गत देने का निर्णय लिया था।
इस योजना में देश के युवा शिक्षित बेरोजगारों को ध्यान में रखकर तैयार की गई थी। 1 अप्रैल 2016 से लेकर 21 मार्च 2019 तक 145512 लोगों को इस योजना से रोजगार मिला। इस योजना के माध्यम से 1करोड़ 18 लाख 5 हजार 002 लोगों को रोजगार मिला था। योजना के पहले साल में लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया था। किंतु पिछले 2 सालों से इस योजना में लक्ष्य भी पूरा हो रहा था।
केंद्र सरकार ने गिरती अर्थव्यवस्था और आर्थिक संकट के चलते इस योजना को बंद कर दिया है। सरकार ने यह योजना क्यों बंद की है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। मंत्रालय का कहना है कि केंद्र सरकार की रोजगार वृद्धि को लेकर कई अन्य योजनाएं पहले से ही चल रही हैं।श्रम मंत्रालय को इस योजना के लिए जो फंड दिया गया था वह अभी पूरी तरह खर्च भी नहीं हुआ है, उसके पहले ही यह योजना बंद कर दी गई।
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