भाजपा अपने दम पर 65 + विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी : रघुवर दास

जमशेदपुर : सरकार की प्राथमिकता विकास और सुशासन है। विगत 5 वर्ष से इस लक्ष्य को लेकर हम चले, जिसे गति मिली है। आने वाले दिनों में भी हमारा लक्ष्य विकास और सुशासन रहेगा। शिक्षा व स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान दिया जाएगा। विकास की राजनीति भारतीय जनता पार्टी करती है। भाजपा में जात- पात व संप्रदाय की राजनीति करने की संस्कृति नहीं है। हमें इस तरह का संस्कार प्राप्त नहीं हुआ है। वैसे भी अब जातिवाद व संप्रदायवाद की राजनीति नहीं चलेगी। क्योंकि लोग जागरूक हो गए हैं। उन्हें विकास की राजनीति से सरोकार है।

भाजपा अपने काम के बल पर, अपनी नीतियों के बल पर, अपनी योजनाओं के बल पर और राज्य की सवा तीन करोड़ जनता के बल पर झारखंड में झारखंड के 65 से भी आधी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करेगी ।

विगत 5 साल से बिचौलियों व दलालों कि राज्य में नहीं चली। इसलिए वे बौखलाए हुए हैं और वे चाहते हैं कि झारखंड में एक कमजोर सरकार का निर्माण हो। ताकि उनकी लूट की संस्कृति पुनः कायम हो सके।

झारखण्ड की प्रबुद्ध जनता। अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए। झारखंड में एक बार फिर मजबूत सरकार का निर्माण करेगी ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है

ये बातें रघुवर दास ने पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद संवाददाताओं से कही।

हम सबका साथ सबका विकास पर विश्वास करते हैं

रघुवर दास ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ कार्य करती है। राज्य में आदिवासियों व गरीबों के कल्याण के लिए कई योजनाएं प्रारंभ की गई। जिसका सुखद परिणाम लाभुकों को प्राप्त भी हुआ है। अब आदिवासियों व गरीबों को वोट बैंक के रूप में कोई इस्तेमाल नहीं कर सकता। उनमें जागृति आई है और वे विकास चाहते हैं। भ्रम फैलाकर राजनीति अब कोई नहीं कर सकता।

आंदोलनकारियों को भी नहीं दिया सम्मान, संस्कृति की नहीं की परवाह

रघुवर दास ने कहा कि आदिवासियों, गरीबों के नाम पर राज करने वाली झारखंड नामधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने आंदोलनकारियों का सम्मान नहीं दिया। वर्तमान सरकार ने करीब 2000 आंदोलनकारियों को सम्मान देते हुए उन्हें सम्मान राशि दे रही है। आदिवासी संस्कृति की बात करने वाली इस पार्टी ने कभी भी इनकी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान नहीं दिया। विगत 5 साल में आदिवासी संस्कृति, भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन पर कई कार्य हुए हैं।

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