नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर पहले से ही मुश्किलों में घिरी मोदी सरकार को गुरुवार को एक और झटका लगा है। मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 5.8 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया है। उसने कहा कि जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में नरमी अपेक्षा के विपरीत लंबी अवधि तक खींच गई है, जिसके कारण उसे अपने अनुमान को कम करना पड़ा है। क्रेडिट रेटिंग और शोध सेवा सेवा देने वाली कंपनी ने कहा, ‘हमने भारत के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है। हमारा अनुमान है कि 2019-20 में यह 5.6 प्रतिशत रहेगी जो 2018-19 में 7.4 प्रतिशत थी।’ मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस के अनुसार 2020-21 और 2021-22 में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी और यह क्रमश: 6.6 प्रतिशत तथा 6.7 प्रतिशत रह सकती है। लेकिन वृद्धि की गति पूर्व वर्षों के मुकाबले धीमी ही रहेगी। उसने कहा, ‘भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2018 के मध्य से धीमी पड़ रही है। वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 2019 की दूसरी तिमाही में करीब 8 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत पर आ गई। बेरोजगार बढ़ रही है।’ मूडीज के अनुसार, ‘निवेश गतिविधियां पहले से धीमी है, लेकिन खपत के लिए मांग के कारण अर्थव्यवस्था में तेजी बनी हुई थी। हालांकि, अब खपत मांग भी नरम हुई है, जिससे मौजूदा नरमी को लेकर समस्या बढ़ रही है।’
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