बेहतर कानून व्यवस्था ही अच्छे समाज और माहौल का निर्माण करती है: डीके तिवारी

रांची । राज्य के मुख्य सचिव डीके तिवारी ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था ही अच्छे समाज और माहौल का निर्माण करती है। आम आदमी के साथ बेहतर व्यवहार करना पुलिस का कर्तव्य है।
तिवारी गुरुवार को डोरंडा स्थित जैप-1में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस अलंकरण परेड समारोह में 60 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को राज्यपाल पदक, मुख्यमंत्री वीरता पदक और सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक से सम्मानित करने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस को अत्याधुनिक बनाने के लिए कई नई पहल की है। झारखंड ऑनलाइन एफआई आर सिस्टम से कुल 473 थाने सीधे तौर पर जोड़ दिए गए हैं। जिसके तहत अबतक कुल 38 696 मामले प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 34078 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है और 1514 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई है। रांची जिला में सीसीटीवी प्रणाली को लागू किया गया है। 167 लोकेशन पर सीसीटीवी कार्यरत है।

उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस की ओर से नक्सलियों के विरुद्ध किए गए कारगर अभियानों के फलस्वरुप विगत वर्षों में कुल 2401 नक्सलियों और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी हुई है। इसके अतिरिक्त नक्सलियों से 182 पुलिस हथियार, 51 रेगुलर हथियार कुल 1432 हथियार, 485 53 कारतूस, 2703 लैंडमाइंस और ग्रेनेड सहित कुल 5 करोड़ 68 लाख रुपए की बरामदगी की गई है। तिवारी ने कहा कि नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए बनाए गए आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति का सकारात्मक फलाफल रहा है और इसके तहत विगत वर्षों में कुल 196 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। वर्तमान में राज्य को साइबर क्राइम के रूप में एक नई चुनौती मिली है।

इस क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए काफी हद तक नकेल कसने का पुलिस ने प्रयास किया है। राज्य की राजधानी के अतिरिक्त राज्य के जामताड़ा, देवघर, गिरीडीह, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर और पलामू में छह अन्य साइबर थाने कार्यरत हैं। राज्य में आतंकवाद विरोधी दस्ते एटीएस कार्यरत हैं जो आतंकवादी संगठनों के सदस्यों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई कर रही है।इस मौके पर डीजीपी कमल नयन चौबे ने कहा कि पुलिस की भूमिका कठिन तो है लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण भी है।

हमारे पास असामाजिक तत्वों द्वारा तथा नक्सलियों द्वारा सताए गए पीड़ित परेशान दुखी लोग काफी उम्मीदें लेकर आते हैं। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है कि कैसे उन पीड़ितों से अच्छा व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने कहा कि पुलिस की ड्यूटी 24 घंटे होती है। ऐसे में सबसे ज्यादा तनाव होता है। फिर भी हम अपने जीवन को दांव पर लगाते हुए सफलतापूर्वक अपनी ड्यूटी करते हैं। उन्होंने पदक से सम्मानित सभी पुलिसकर्मियों को शुभकामनाएं दी। इस मौके पर राज्य के सभी एडीजी आईजी डीआईजी रांची के एसएसपी सहित अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे। 

60 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को किया गया सम्मानित

विशिष्ट सेवा के लिए झारखंड राज्यपाल पदक से मुख्य सचिव ने आईजी मुख्यालय विपुल शुक्ला, चाईबासा पुलिस उपाधीक्षक अरविंद कुमार और जमशेदपुर पुलिस उपाधीक्षक अनिमेष कुमार गुप्ता को पदक देकर सम्मानित किया। वीरता के लिए झारखंड मुख्यमंत्री पदक से 30 पुलिसकर्मियों के परिजनों को पदक देकर मुख्य सचिव ने सम्मानित किया। सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक से 27 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को मुख्य सचिव ने सम्मानित किया।

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