रांची । झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले विपक्षी महागठबंधऩ की तरह एनडीए में भी सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। बीजेपी के साथ गठबंधन में रहते हुए मांगी गयी सीटों पर सामजंस्य नहीं बैठते देख आजसू सुप्रीमो ने कहा कि 2014 में कम सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टी और उनकी मजबूरी थी लेकिन 2019 के चुनाव का परिवेश बदल गया है।
सुदेश ने यह बातें सोमवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम सह मिलन समारोह के दौरान कही। इस दौरान हुसैनाबाद के बहुजन समाज पार्टी के विधायक शिवपूजन कुशवाहा मेहता ने अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ आजसू का दामन थामा। इस दौरान बसपा विधायक काफी भावुक दिखे। मेहता ने जहां बसपा अध्यक्ष मायावती पर अनदेखा करने का आरोप लगाया। वही आजसू सुप्रीमो की जमकर तारीफ भी की।
छत्तीसगढ़ का आदमी झारखंड की समस्या को नहीं समझ सकता: सुदेश महतो

भाजपा और आजसू के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात बिगड़ती दिख रही है। आजसू जहां 24 से 26 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वहीं भाजपा आजसू को सिर्फ 8 सीटें देना चाहती है। इस बाबत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलवा यह बयान दे चुके हैं कि साल 2014 में हुए गठबंधन के शर्त पर ही इस बार आजसू के साथ गठबंधन किया जायेगा। लेकिन इसकी प्रतिक्रिया में आजसू प्रमुख सुदेश महतो का कहना है कि 2014 में लक्ष्मण गिलवा प्रदेश अध्यक्ष नहीं थे और ना ही वो गठबंधन की बैठक में शमिल थे। इसलिए उनके बातों का कोई महत्व नहीं है।
इससे पूर्व भी चाईबासा में जनता को संबोधित करते हुए आजसू सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को छत्तीसगढ का बताते हुए अपने तल्ख तेवर दिखाये थे। उन्होंने कहा था कि एक छत्तीसगढ़ का आदमी झारखंड की समस्या को नहीं समझ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह शुरु से ही झारखंड की स्थानीय नीति और नियोजन नीति के विरोध करते आ रहे हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयानों का कोई औचित्य नहीं
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने शिवपूजन मेहता को एक जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताते हुए कहा कि इनके आने से पार्टी में मजबूती आयेगी। इसी बीच सुदेश महतो ने बातो ही बातों में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के उन बयानों को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि आजसू को 8 सीटें दी जायेंगी।
कहा कि आजसू पार्टी की सीधी बात बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से होती है। लक्ष्मण गिलुवा के बयानों का कोई औचित्य नहीं। पत्रकारों से बातचीत में सुदेश ने इशारे में यहां तक कह दिया कि 2014 में कम सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टी और उनकी मजबूरी थी। लेकिन 2019 के चुनाव का परिवेश बदल गया है।
इन सीटों पर आजसू कर रहा दावेदारी
सूत्रों के मुताबिक आजसू पार्टी ने 19 सीटों की दावेदारी भाजपा चुनाव प्रभारी ओम माथुर के समक्ष कर रखी है। जिन सीटों पर आजसू 2014 में चुनाव लड़ी थी, उनमें से एक-दो सीट में फेरबदल हो सकती है। इन सीटों में सिल्ली, रामगढ़, जुगसलाई, टुंडी, तमाड़, चंदनकियारी, बड़कागांव, लोहरदगा, मांडू, गोमिया, पाकुड़, पांकी, डुमरी, चक्रधरपुर, सिमरिया, सरायकेला, जरमुंडी, सिंदरी, ईचागढ़ शामिल हैं। हुसैनाबाद विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता के आजसू में शामिल होने के बाद पार्टी का दावा हुसैनाबाद सीट पर होना स्वाभाविक है।
भाजपा और आजसू के बीच सीट बंटवारे को लेकर बात बिगड़ती दिख रही है। आजसू जहां 24 से 26 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। वहीं भाजपा आजसू को सिर्फ 8 सीटें देना चाहती है। इस बाबत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलवा यह बयान दे चुके हैं कि साल 2014 में हुए गठबंधन के शर्त पर ही इस बार आजसू के साथ गठबंधन किया जायेगा। लेकिन इसकी प्रतिक्रिया में आजसू प्रमुख सुदेश महतो का कहना है कि 2014 में लक्ष्मण गिलवा प्रदेश अध्यक्ष नहीं थे और ना ही वो गठबंधन की बैठक में शमिल थे। इसलिए उनके बातों का कोई महत्व नहीं है।
इससे पूर्व भी चाईबासा में जनता को संबोधित करते हुए आजसू सुप्रीमो ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को छत्तीसगढ का बताते हुए अपने तल्ख तेवर दिखाये थे। उन्होंने कहा था कि एक छत्तीसगढ़ का आदमी झारखंड की समस्या को नहीं समझ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह शुरु से ही झारखंड की स्थानीय नीति और नियोजन नीति के विरोध करते आ रहे हैं।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बयानों का कोई औचित्य नहीं
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने शिवपूजन मेहता को एक जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताते हुए कहा कि इनके आने से पार्टी में मजबूती आयेगी। इसी बीच सुदेश महतो ने बातो ही बातों में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के उन बयानों को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि आजसू को 8 सीटें दी जायेंगी।
कहा कि आजसू पार्टी की सीधी बात बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से होती है। लक्ष्मण गिलुवा के बयानों का कोई औचित्य नहीं। पत्रकारों से बातचीत में सुदेश ने इशारे में यहां तक कह दिया कि 2014 में कम सीटों पर चुनाव लड़ना पार्टी और उनकी मजबूरी थी। लेकिन 2019 के चुनाव का परिवेश बदल गया है।
इन सीटों पर आजसू कर रहा दावेदारी
सूत्रों के मुताबिक आजसू पार्टी ने 19 सीटों की दावेदारी भाजपा चुनाव प्रभारी ओम माथुर के समक्ष कर रखी है। जिन सीटों पर आजसू 2014 में चुनाव लड़ी थी, उनमें से एक-दो सीट में फेरबदल हो सकती है। इन सीटों में सिल्ली, रामगढ़, जुगसलाई, टुंडी, तमाड़, चंदनकियारी, बड़कागांव, लोहरदगा, मांडू, गोमिया, पाकुड़, पांकी, डुमरी, चक्रधरपुर, सिमरिया, सरायकेला, जरमुंडी, सिंदरी, ईचागढ़ शामिल हैं। हुसैनाबाद विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता के आजसू में शामिल होने के बाद पार्टी का दावा हुसैनाबाद सीट पर होना स्वाभाविक है।
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