गठबंधन को लेकर कांग्रेस आलाकमान से मिलने हेमंत गये दिल्ली

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के बाद राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं। विपक्षी गठबंधन को अंतिम रूप देने और सीटों के बंटवारे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन नई दिल्ली गये हैं। वह वहां कांग्रेस के आला नेताओं के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत करेंगे। गठबंधन पर अंतिम मुहर दिल्ली में ही लगेगी।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने सोमवार को झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) प्रमुख बाबूलाल मरांडी से मुलाकात कर उनसे गठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया है। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व विपक्षी गठबंधन में झाविमो को भी शामिल करने के पक्ष में है, लेकिन झाविमो प्रमुख मरांडी ने अलग राह थाम ली है। वह राज्य की सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गठबंधन में शामिल होना तय है। सूत्रों ने बताया कि तय फार्मूले के तहत झामुमो को 43, कांग्रेस को 28, राजद को पांच और वामदलों को चार सीटें देने पर सहमति बनी थी, लेकिन राजद ने 14 सीटों पर दावा किया था। हालांकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से हेमंत सोरेन की मुलाकात के बाद पार्टी पांच सीटों पर लड़ने के लिए तैयार हो गयी है। लेकिन भाकपा माले विपक्षी गठबंधन से 14 सीटों की मांग कर रही है। जबकि उसके लिए दो सीट और मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के लिए दो सीट छोड़ी गयी है।

माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि पार्टी गठबंधन से 12-14 सीटों को लेकर बातचीत करना चाहती है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो भाकपा माले वामदलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। गठबंधन के तहत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी गयी है। जाहिर है ये दोनों वामपंथी पार्टियां अपने जनाधार वाले विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार जरूर उतारेगी। झामुमो और कांग्रेस नेताओं में हुई सहमति में राजधनवार व बगोदर विधानसभा सीट भाकपा माले और निरसा व सिंदरी मासस के लिए छोड़ी गयी है।

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