सऊदी अरब में महत्वपूर्ण वित्तीय सम्मेलन शुरू

रियाद । सऊदी अरब का बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन मंगलवार को यहां शुरू हुआ जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य देशों के नेता भी भाग ले रहे हैं। ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’ बैनर तले यह सम्मेलन तीन दिन चलेगा। इसका उद्देश्य इस खाड़ी देश को केवल खनिज तेल/गैस आधारित अर्थव्यवस्था से बदल कर इसके उद्योग व्यवसाय में विविधता लाना और इसमें मदद के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करना है।

इस सम्मेलन को ‘मरुभूति में दावोस’ कहा जा रहा है, जो सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की पहल है। युवराज की योजना सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था का विविधीकरण करने की है, जिससे पेट्रोलियम उत्पादों पर उसकी निर्भरता को कम किया जा सके। इसके लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण 2030 योजना तैयार की गई है। तीन दिवसीय ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’ में सरकार, उद्योगपति और वित्त पोषक भाग लेंगे। बैठक में वैश्विक व्यापार और उसकी प्रवृत्ति पर चर्चा के साथ आने वाले दशकों में वैश्विक निवेश परिदृश्य को लेकर अवसर और चुनौतियों पर बातचीत की जाएगी। बैठक में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार तथा दामाद जेरेड कुशनर भी शामिल होंगे।

कुशनर सम्मेलन में अमेरिका के भविष्य पर विशेष सत्र को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दो दिन की यात्रा पर सोमवार देर रात रियाद पहुंचें। वह सम्मेलन में ‘भारत के लिये आगे क्या’? विषय पर एक सत्र को संबोधित करेंगे। इस मंच को ‘मरुभूमि में दावोस’ कहा जाता है। प्रधानमंत्री ने यात्रा पर रवाना होने से पहले नई दिल्ली में कहा, ‘‘भारत और सऊदी अरब के बीच पारंपरिक रूप से घनिष्ठ तथा प्रगाढ़ संबंध रहे हैं। सऊदी अरब भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में सबसे बड़े और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ताओं में से एक रहा है।’’ उन्होंने कहा कि मैं सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से भी मिलूंगा और द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न मुद्दों तथा पारस्परिक हित के क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करूंगा।

मोदी ने कहा कि सऊदी अरब के साथ रक्षा, सुरक्षा, संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच संपर्क, द्विपक्षीय सहयोग के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के 6,000 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला, ब्राजील के राष्ट्रपति जैर बोलसोनारो, नाइजीरिया के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी, केन्या के राष्ट्रपति यूहुरु केन्याता और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन मंच को संबोधित करेंगे। दुनिया के कई देशों के बैंकर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था, निवेश और मनोरंजन जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी सम्मेलन में ‘अगला दशक: आर्थिक महत्वाकांक्षा का नया दौर वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आकार देगा’ विषय पर मंच को संबोधित करेंगे। सऊदी अरब ने पिछले महीने कहा था कि वह भारत में तेल-गैस, पेट्रोरसायन, कृषि, खनिज और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में 100 अरब डालर के निवेश के अवसर तलाश रहा है। 2017-18 में दोनों देशों के बीच 27.48 अरब डालर का आपसी व्यापार हुआ था। सऊदी अरब व्यापार में भारत का चौथा सबसे बड़ा भागीदारी है।

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