ब्रिटेन सीरिया से आईएसआईएस दुल्हनों के बच्चों को वापस लाने का इच्छुक

लंदन। ब्रिटेन सरकार सीरिया से उन बच्चों को वापस लाने पर विचार कर रही है जो सीरिया जा कर आईएसआईएस के लड़ाकों से शादी करने वाली, ब्रिटिश मूल की मांओं से जन्मे हैं। मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है। एड संगठन का मानना है कि क्षेत्र में करीब 60 बच्चे ब्रिटिश मूल के हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे अपनी मांओं के साथ हैं जो आतंकी गुट में शामिल हो गई थीं। ‘‘संडे टाइम्स’’ की खबर में कहा गया है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन और विदेश मंत्री डोमिनिक राब जहां ब्रिटिश मूल के इन बच्चों को वापस लाने की योजना के पक्ष में हैं वहीं देश का रक्षा मंत्रालय नहीं चाहता कि इन बच्चों की जिम्मेदारी ब्रिटेन ले। माना जाता है कि देश का गृह मंत्रालय भी इस योजना के विरोध में हैं क्योंकि उसे डर है कि अगर इन बच्चों के साथ उनकी मांएं भी वापस आती हैं तो उसे इन जिहादी दुल्हनों पर नजर रखनी होगी। अखबार में सरकार के एक सूत्र को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि प्रत्येक बच्चे पर ‘‘मामला दर मामला’’ आधार पर विचार किया जा रहा है। मंत्रालय के सूत्रों को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि सरकार ने इस बारे में कानूनी परामर्श लिया है कि वापस आने के बाद मां के खिलाफ अगर बच्चे के साथ दुर्व्यवहार या उसकी उपेक्षा के आरोप में मुकदमा चलाया गया तो यह साबित करने की कोई जरूरत ही नहीं रहेगी कि वह जिहादी गतिविधियों में लिप्त रही है। जो मांएं वापस आ सकती हैं उनमें 25 वर्षीय तूबा गोंडल भी शामिल है। बांग्लादेशी मूल की ब्रिटिश नागरिक तूबा पर आईएसआईएस के लिए भर्ती करने और दुष्प्रचार करने का आरोप है। नीति में बदलाव का संकेत तब मिला जब ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने पूर्वी लंदन में रह रहे तूबा के परिवार से उसकी पहचान स्थापित करने के लिए उसके बच्चों के बारे में जानकारी मांगी। तूबा का तीन साल का बेटा इब्राहीम और 18 माह की बेटी आसिया है। दोनों बच्चों का जन्म सीरिया में हुआ और दोनों के पिता अलग अलग हैं। समझा जाता है कि तूबा के परिवार ने विदेश मंत्रालय को इब्राहीम के पिता का बेहद पुराना हो चुका पासपोर्ट और जन्म प्रमाणपत्र मुहैया कराया। इब्राहीम का पिता आत्मघाती बम हमलावर था। आसिया का पिता भी मारा जा चुका है। समझा जाता है कि वह रूस के काकेशिया का रहने वाला था। अनुमान है कि तूबा और उसके बच्चे तुर्की की सीरिया के साथ लगने वाली सीमा के पास, तुर्की से जुड़ी एक मिलीशिया के पास हैं। अगर वे सीमा पार करते हैं तो उन्हें ब्रिटेन भेज दिया जाएगा। तूबा लंदन के गोल्डस्मिथ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की छात्रा थी। उसने एक खुले पत्र में, सीरिया जाने के अपने कदम पर अफसोस जाहिर करते हुए आईएसआईएस की भर्त्सना की और ब्रिटिश जनता से माफी मांगी थी। तूबा का यह पत्र ‘‘द संडे टाइम्स’’ में प्रकाशित हुआ था जिसमें उसने अपने ‘‘बेकसूर’’ बच्चों को ब्रिटेन लौटने देने की अनुमति दिए जाने का आग्रह किया था।

This post has already been read 6670 times!

Sharing this

Related posts