रांची। डीजीपी कमल नयन चौबे ने नक्सल विरोधी अभियान को तेज करने का निर्देश देते हुए कहा कि आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाना पुलिस की प्राथमिकता है। इसके लिए उन्होंने सभी एसपी को अपराध पर लगाम लगाने के अभियान को तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि थाना पुलिस की रीढ़ और चेहरा होती है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनने को कहा। साथ ही लोगों से बेहतर व्यवहार करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह वक्त की जरूरत है। डीजीपी पुलिस मुख्यालय में शनिवार को आयोजित राज्य के एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसएसपी, एसपी के साथ बैठक में बोल रहे थे। डीजीपी ने सभी अधिकारियों को कहा कि अपराधियों को न्यायालय से ज्यादा से ज्यादा सजा मिल सके। इसके लिए केसों का अनुसंधान बेहतर तरीके से करने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने कहा कि सभी एसपी अपने-अपने जिलों के अपराधियों का डाटा बेस तैयार कर उनपर नकेल कसे। उन्होंने कहा कि 2500 नये दारोगा मिले हैं । उसमें 550 इंजीनियर है, उन्हें बेहतर प्रशिक्षण दें जिससे की अपराधियों को अपराध करने से पहले सोचना पड़े। वरीय अफसरों के साथ अपराध पर लगाम कसने और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के क्रम में डीजीपी ने त्योहारों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने, लाइसेंसी हथियार जमा कराने और वारंटियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। डीजीपी ने आगामी दीपावली और महापर्व छठ के मद्देनजर सुरक्षा के भी इंतजाम की समीक्षा करते हुए कई निर्देश दिये हैं । बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। डीजीपी ने कहा कि एडीजी अभियान नोडल ऑफिसर बनाये गये हैं ।
डीजीपी ने कहा कि सामान्य अनुसंधान और विधि व्यवस्था को अलग किया जायेगा। इसके तहत कुछ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत उसका ट्रायल होगा। इसके बाद सब ठीक रहा तो उसे लागू किया जायेगा। बैठक में एडीजी, आईजी, डीआईजी, एसएसपी, एसपी, सीआरपीएफ, गृह मंत्रालय के अधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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