जम्मू। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपने एक और बयान को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं। एक कार्यक्रम के दौरान सत्यपाल मलिक ने कहा है कि इंटेलिजेंस एजेंसी न हमें और न ही दिल्ली को सच बताती है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैंने राज्यपाल बनने के बाद इंटेलिजेंस एजेंसी से कोई इनपुट नहीं लिया क्योंकि वह सच नहीं बताते न ही दिल्ली को और न हमको। उन्होंने कहा कि मैंने 150-200 बच्चों से बात करके पता किया कि यूनिवर्सिटी में कौन राष्ट्रगान पर खड़े होते हैं। सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि सारी दिक्कत 13-30 उम्र तक के बच्चों की है, जिनके सपने तोड़े गए हैं जिनको नाराज किया गया है। बच्चों ने कहा कि न हमें हुर्रियत चाहिए, न दिल्ली चाहिए, हमको ये कहा जा रहा है कि शहीद होगे तो जन्नत मिलेगी। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि अगर ये तुम्हारा धार्मिक मामला है, तो मैं कुछ नहीं कहूंगा। राज्यपाल ने मंगलवार को कश्मीर घाटी के राजनेताओं तथा हुर्रियत नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा था कि वह घाटी के बच्चों को मरवा रहे हैं और उन्होंने विकास के पैसों का निजी इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी कहा था कि वह कभी कभी ऐसा ब्यान दे देते हैं जिसकी सफाई उन्हें तीन-तीन दिनों तक देनी पड़ती है।
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