ढाका। बांग्लादेश क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के हड़ताल करने के बाद क्रिकेट वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ बांग्लादेश के अध्यक्ष नईमुर रहमान ने इस्तीफे की पेशकश की है। खिलाड़ियों की मांगों में डीडब्लूएबी के अध्यक्ष के इस्तीफे की बात भी शामिल थी। डीडब्लूएबी, जो कि फीका में बांग्लादेश का प्रतिनिधित्व भी करता है, उसने वर्तमान समिति का कार्यकाल खत्म होने के सात महीने के बाद भी चुनाव नहीं कराया। रहमान, जो बांग्लादेश के पहले टेस्ट कप्तान थे, स्थापना होने के बाद से समिति का नेतृत्व कर रहे हैं। अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार रहमान ने क्रिकबज से बातचीत में कहा, “डीडब्लूएबी में मुझे अपनी जेब से पैसा खर्च करना पड़ता है और मैं काफी समय से इस संस्था के साथ हूं। ये स्वाभाविक है कि कोई नया आएगा और मैं अपना पद छोड़ने को तैयार हूं लेकिन किसी दबाव में आकर नहीं। डीडब्लूएबी के चुनाव होंगे और अगर किसी को चुना जाता है तो वो अध्यक्ष बनेगा। लेकिन संस्था का एक संविधान है और उसका पालन किया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा, “उन्हें नया नेतृत्व चाहिए तो ठीक है। हमसें बात करें और हम उन्हें चुनाव की तारीखें बताएंगे। मैं काफी चीजों में व्यस्त हूं इसलिए मैं यहां पर अपना सारा समय नहीं दे सकता इसलिए हम चाहते हैं कि कुछ और खिलाड़ी भी इसमें शामिल हों। हमने सात महीनें भी उनके सामने प्रस्ताव रखा था और मैंने खुद उनसे जिम्मेदारी लेने के लिए कहा था। उस समय वो जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते थे और कहा कि हम इसे चलाएंगे।” एक तरफ रहमान ने खिलाड़ियों की मांगे पूरी करने की बात कही, वहीं उन्होंने ये भी कहा कि खिलाड़ियों को भड़काया जा रहा है। पूर्व कप्तान ने कहा, “कोई है (जो उन्हें भड़का रहा है) क्योंकि उन्होंने समय चुना है। ये समय सही नहीं है। साथ ही उन्होंने जो मांगे रखी है, वो उन्हें पहले बोर्ड के सामने रखनी चाहिए थी, फिर ये बॉयकाट करने या हड़ताल पर जाने का फैसला लेना चाहिए था। उन्होंने बोर्ड या डीडब्लूएबी के सामने पहले कोई मांग नहीं रखी। शायद वो भटक गए हैं और अनुभवहीन हैं। उन्होंने गलती की है। मैं इसे उसी तरह से देख रहा हूं। या फिर कोई है जो पर्दे के पीछे से उन्हें भड़का रहा है।” कप्तान शाकिब अल हसन की अगुवाई में सोमवार को बांग्लादेशी क्रिकटर्स ने मांगे पूरी ना होने तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट ना खेलने का ऐलान किया है। पहले से तय शेड्यूल के मुताबिक टीम को 3 नवंबर से भारत दौरे पर जाना है। ऐसे में बोर्ड के सामने खिलाड़ियों का मनाने के लिए बेहद कम समय है।
This post has already been read 6704 times!