नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट फेसबुक प्रोफाइल को आधार से लिंक करने के मामले पर अलग-अलग हाईकोर्ट में चल रहे मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस बात पर विचार करेगा कि सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ फैलाने और उसका आपराधिक इस्तेमाल करने से कैसे रोका जाए । सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट जनवरी में सुनवाई करेगा।सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह सोशल मीडिया चलाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सरकार से सूचना साझा करने के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया में है।
केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह लोगों के निजता के अधिकार का हनन कर रही है। सुनवाई के दौरान व्हाट्सऐप और फेसबुक ने कहा कि वह सूचनाओं को डिक्रिप्ट नहीं कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें डिक्रिप्ट करने के लिए की (पासवर्ड) उनके पास नहीं होता है।पहले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्या वो इसे लेकर कोई नियम बना रही है। पिछले 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और तीन राज्यों को नोटिस जारी किया था। फेसबुक ने याचिका दायर कर कहा था कि मद्रास, बांबे और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमों में अलग फैसले आने से दिक्कत हो सकती है ।
फेसबुक का कहना था कि मद्रास, बॉम्बे और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रहे केस में अलग फैसले आने से दुविधा भरी स्थिति हो सकती है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट सब पर एक साथ सुनवाई करे। याचिका में कहा गया था कि याचिकाओं में केंद्रीय कानूनों इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट और आधार एक्ट की व्याख्या होने की दरकार है, इसलिए उन याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाना चाहिए। दरअसल हाईकोर्ट्स में जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उनमें मांग की गई है कि फेसबुक अकाउंट को आधार से लिंक किया जाए ताकि फर्जी अकाउंट से गलत पोस्ट पर लगाम लगाई जा सके।
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