कांग्रेस को देशभक्ति के प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं : मनमोहन सिंह

मुंबई। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस को किसी से देशभक्ति का प्रमाण-पत्र लेने की जरूरत नहीं है। आजादी की लड़ाई कांग्रेस ने लड़ी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आजादी की लड़ाई से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वीर सावकर का एक स्वतंत्रता सेनानी के नाते सम्मान करती है, इसीलिए उनके नाम पर डाक टिकट का विमोचन किया था। वीर सावरकर, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले को भारत रत्न दिलाने के लिए कांग्रेस प्रयास करेगी।
डॉ. सिंह ने गुरुवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वीर सावरकर का कांग्रेस हमेशा सम्मान करती रही है, लेकिन उनके कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा का विरोध करती है और आगे भी विरोध करती रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत रत्न दिए जाने के लिए एक समिति गठित की जाती है और वह समिति ही किसे भारत रत्न देना है इसे तय करती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ही सबसे पहले वीर सावरकर के नाम पर डाक टिकट जारी किया था। 
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने का भी कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया था। इसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। कांग्रेस ने सिर्फ अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने के तरीके का ही विरोध किया है। जम्मू-कश्मीर के लोगों की खुशी कांग्रेस हमेशा चाहती रही है। इसी प्रकार राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का भी कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया है। कांग्रेस ने सिर्फ इतना ही कहा है कि इसे लागू करते समय मानवाधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिए। डॉ. सिंह ने कहा कि इन मुद्दों पर कांग्रेस पर झूठा और बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।  

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