वैश्विक मूल्य श्रृंखला से विकासशील देशों को बेहतर आर्थिक वृद्धि दर में मिल सकती है मदद : विश्वबैंक

वाशिंगटन। व्यापार तथा आर्थिक वृद्धि में नरमी के इस दौर में विकासशील देश सुधारों के जरिये वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भागीदारी बढ़ाकर अपने लोगों के लिये बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं। विश्वबैंक की एक रिपोर्ट में यह बात कही गयी। विश्वबैंक ने मंगलवार को ‘विश्व विकास रिपोर्ट 2020: वैश्विक मूल्य श्रृंखला के दौर में विकास के लिये व्यापार’ रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया कि इन सुधारों के जरिये विकासशील देश समाज में विस्तृत तरीके से आर्थिक लाभ सुनिश्चित करते हुए वस्तुओं के निर्यात से मूलभूत विनिर्माण की ओर बढ़ सकते हैं। विश्वबैंक समूह की मुख्य अर्थशास्त्री पिनलोपी कोउजियानोउ गोल्डबर्ग ने कहा, ‘‘वैश्विक मूल्य श्रृंखला ने विकासशील देशों में कंपनियों को वस्तुओं के निर्यात से मूलभूत विनिर्माण में सक्षम बनाकर तथा उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।’’ उन्होंने कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखला के इस दौर में सभी देशों के पास वाणिज्य बढ़ाकर तथा वृद्धि दर को तेज कर काफी फायदा उठाने का अवसर है।’’ रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘वैश्विक मूल्य श्रृंखला के पास कुल वैश्विक व्यापार में अभी के समय में करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि 2008 के वित्तीय संकट के बाद से इसकी वृद्धि प्रभावित हो गयी है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत, चीन और रूस के एकीकरण के साथ ही एकल यूरोपीय बाजार के सृजन से व्यापक उत्पाद एवं श्रम बाजार सृजित हुए। इससे कंपनियों को एक ही उत्पाद अधिक लोगों को बेचने में मदद मिली।

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