प्रकृति की गोद में बसा है हमारा झारखंड : रघुवर दास

रांची । मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विश्व का हर व्यक्ति नई जगहों पर घूमने की ख्वाहिश रखता है। ऐसे में झारखंड उनके लिए नया केंद्र है। प्रकृति को अगर समझना है तो झारखंड उपयुक्त जगह है। यहां फॉल, जंगल, पहाड़, नदी, धर्म, संस्कृति, कला, माइनिंग हर तरह का पर्यटन स्थल है, जहां लोग आ सकते है।दास गुरुवार को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय झारखंड टूर कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाते हुए पर्यटन स्थल को विकसित कर रही है। सरकार इटखोरी में सबसे बड़े स्तूप के निर्माण पर विचार कर रही है। जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इटखोरी तीन धर्मों का संगम है। यह बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्म का धार्मिक स्थल है। इसी जगह से भगवान बुद्ध दुनिया को ज्ञान देने के लिए निकले थे। उन्होंने कहा कि प्रकृति की गोद में हमारा झारखंड बसा है। इसे देश-दुनिया तक पहुंचाने में टूर एन्ड ट्रेवल एजेंसी को बड़ा योगदान देना होगा। एजेंसी देश और विदेश के पर्यटकों को झारखंड के बारे में बताएं और उनको झारखंड लाने का काम करें। 

अपनी मातृभाषा पर का सम्मान करना

इस मौके पर उन्होंने भारत के मंगोलिया राजदूत की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदी में भाषण देकर हमारे देश और हमारी मातृभाषा का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग हैं जो अपनी मातृभाषा पर भी राजनीति कर रहे है, जो गलत है। हमें अपनी भाषा का सम्मान करना है। भारत विविधताओं का देश है और हमसभी भाषाओं का सम्मान करते हैं।कार्यक्रम में मंगोलिया के राजदूत गोनचिंग गनबोल्ड ने हिंदी में अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत और मंगोलिया में धर्म, लोकतंत्र और विकास एक जैसा है। हमारा देश भी विकसित देश में से एक है। उन्होंने कहा कि मंगोलिया और भारत ने मिलकर दोनों देशों में कई सारी योजनाओं पर काम शुरू किया है। दोनों देश राजनीति और फ्री मार्केट पर चर्चा कर रहे हैं। जल्द ही भारत में भगवान बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा की स्थापना की जाएगी। जिसमें मंगोलिया के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री शामिल होंगे। भारत के साथ मंगोलिया सरकार अपने रिश्ते को बढ़ाने का काम कर रही है।

झारखंड में पर्यटन की असीम संभावना

कॉन्क्लेव में झारखंड के पर्यटन मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि झारखंड प्रकृति के द्वारा सजाया हुआ राज्य है। यहां पर्यटन की असीम संभावना है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में झारखंड ने पर्यटन नीति बनाई और सभी पर्यटन क्षेत्र के पहुंच पथ के निर्माण का काम किया गया। उन्होंने कहा कि आज झारखंड में लॉ एंड आर्डर बेहतर हुआ है। आजतक किसी भी पर्यटन क्षेत्र में कोई भी घटना पर्यटकों के साथ नहीं हुई। उन्होंने कहा कि श्रावणी मेला को व्यवस्थित करने के लिए सरकार ने बाबा बैद्यनाथ श्राइन बोर्ड का गठन किया। पारसनाथ जो जैन धर्मावलंबियों का तीर्थ है वहां भी श्राइन बोर्ड का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि पतरातू डैम के पास विश्व स्तर का रिसोर्ट बन कर तैयार है जल्द ही इसे पर्यटकों के लिए शुरू किया जाएगा। झारखंड ऐसा क्षेत्र है जिसकी जानकारी देश-दुनिया तक पहुंचाने की जरूरत है। इस काम के लिए टूर एन्ड ट्रेवल एजेंसी का महत्वपूर्ण सहयोग की जरूरत है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, पर्यटन विभाग के अधिकारी, इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अधिकारी सहित विश्व के कई देश के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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