फॉर्म हासिल करने के लिए पंत को चौथे नंबर से नीचे भेजना होगा : वीवीएस लक्ष्मण

नई दिल्ली। भारत के दिग्गज बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि ऋषभ पंत का आक्रामक खेल चौथे स्थान पर उनके काम नहीं आ रहा है। ऐसे में यह युवा विकेटकीपर बल्लेबाज बल्लेबाजी क्रम में नीचे आकर अपनी फॉर्म दोबारा हासिल कर सकता है। पंत का रवैया पिछले कुछ समय से बहस का विषय रहा है। यहां तक कि मुख्य कोच रवि शास्त्री ने भी कहा कि कुछ मौकों पर इस युवा क्रिकेटर का शॉट चयन निराशाजनक रहा है।

लक्ष्मण ने कहा कि पंत की समस्या का समाधान इतना सामान्य भी हो सकता है कि वह बल्लेबाजी क्रम में नीचे आएं। लक्ष्मण ने कहा, ‘ऋषभ पंत की बल्लेबाजी की प्रकृति यह है कि वह हमेशा आक्रामक खेल खेलते हैं… दुर्भाग्यवश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह चौथे नंबर पर सफल नहीं हो पाए।’ उन्होंने कहा, ‘पंत को 5वें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी करनी चाहिए जहां आपके पास खुद को जाहिर करने का मौका होता है और फिलहाल उन्हें नहीं पता कि चौथे नंबर पर रन बनाने का सही तरीका क्या है।’

लक्ष्मण ने कहा कि इस 21 साल के खिलाड़ी पर अधिक दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि प्रत्येक खिलाड़ी कभी ना कभी बुरे दौर से गुजरता है। लक्ष्मण ने कहा, ‘सभी खिलाड़ी इस दौर से गुजरते हैं, उनका स्वाभाविक खेल स्वच्छंद होकर खेलना है, लेकिन अचानक उन्हें पहले जैसे नतीजे नहीं मिल रहे (जैसे उसे आईपीएल में दिल्ली फ्रैंचाइजी के साथ मिले)।’ उन्होंने कहा, ‘वह बेहतर बनने और अपने खेल में कुछ और आयाम जोड़ने का प्रयास कर रहा है, जैसे पिछले मैच में हमने देखा कि वह स्ट्राइक रोटेट कर रहे थे, लेकिन दुर्भाग्य से पारी की शुरुआत में उनका शॉट चयन बहुत अच्छा नहीं है।’

लक्ष्मण ने कहा कि फिलहाल चौथे नंबर पर श्रेयस अय्यर और हार्दिक पंड्या बेहतर विकल्प नजर आते हैं। उन्होंने कहा, ‘चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए अन्य लोग भी हैं जैसे हार्दिक पंड्या और श्रेयस अय्यर, जो अनुभवी हैं और उनके स्थान पर खेल सकते हैं।’ पंत का बचाव करते हुए लक्ष्मण ने कहा कि महान खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी कहे जाने से भी इस विकेटकीपर बल्लेबाज पर दबाव बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘उन पर काफी दबाव है, क्योंकि वह महेंद्र सिंह धोनी की जगह ले रहे हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी कुछ किया है। उनका मनोबल वापस लाने के लिए टीम प्रबंधन को उन्हें पांचवें या छठे नंबर पर खिलाने की जरूरत है।’

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