नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल के छोटे व्यापारियों को सालाना रिटर्न भरने से छूट के फैसले का कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने स्वागत किया है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है यह निर्णय देश के छोटे व्यापारियों के प्रति सरकार के सकारात्मक दृष्टिकोण को परिलक्षित करता है। इससे देश के करीब 50 लाख व्यापारियों को राहत मिलेगी। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को आभार जताया। खंडेलवाल ने कहा जीएसटी रिटर्न भरने से दो करोड़ रुपये तक के सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को छूट दिया जाना बड़ा सुधारात्मक कदम है।उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल ने गोवा की राजधानी पणजी में शुक्रवार को अपनी 37वीं बैठक में आर्थिक सुस्ती दूर करने के लिए उपायों को घोषणा करते हुए जूलरी, वाहन और होटल इंडस्ट्री को भी राहत देने का फैसला किया। इसके विपरीत, कैफीन वाले पेय पदार्थों और रेलगाड़ी के सवारी डिब्बे और वैगन पर जीएसटी का बोझ बढ़ाया है। जीएसटी की नई दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगी।
दो करोड़ से कम आय पर सालाना रिटर्न नहीं
काउंसिल ने छोटे व्यापारियों को राहत देते हुए कहा है कि अब दो करोड़ रुपये से कम टर्न ओवर पर सालाना जीएसटी रिटर्न भरना जरूरी नहीं होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारण ने सिंपल जीएसटी रिटर्न लागू करने की आखिरी तारीख भी बढ़ाने की घोषणा की। सीतारमण ने बताया कि इन कारोबारियों के लिए 2018-19 का जीएसटी रिटर्न भरना वैकल्पिक होगा। ऐसे कारोबारियों का पिछले वित्त वर्ष का जीएसटी रिटर्न भरना उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा। इस पर अनिवार्यता नहीं है।
फैसलेः आउटडोर कैटरिंग पर जीएसटी की मौजूदा दर 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी होगी। इस पर इनपुट क्रेडिट टैक्स की सुविधा मिलेगी। मैराइन फ्यूल पर जीएसटी की दर घटाकर पांच फीसदी की गई। रेलवे वैगन, कोच और रोलिंग स्टॉक पर जीएसटी दर को पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया। भारत में उत्पादित नहीं होने वाले खास रक्षा उपकरणों के आयात को भी जीएसटी से मुक्त किया गया। अब बुने और गैर बुने हुए पॉलिथीन बैग पर एक समान 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। पेट्रोल वाहन पर 28 फीसदी जीएसटी के ऊपर लगने वाले सेस को 10-13 यात्री क्षमता वाले वाहनों के मामले में घटाकर एक फीसदी किया गया। डीजल वाहन पर 28 फीसदी जीएसटी के ऊपर लगने वाले सेस को 10-13 यात्री क्षमता वाले वाहनों के मामले में घटाकर तीन फीसदी किया गया। बादाम के दूध पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। जिप्स पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया। डायमंड जॉब वर्क पर जीएसटी को पांच फीसदी से घटाकर 1.5 फीसदी किया गया। मशीन जॉब की आपूर्ति पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया।
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