सरकार उद्योग स्थापित करने में हर संभव करेगी मददः रघुवर दास


दुमका । मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड के बांस से बनी सामग्री पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाए यही सरकार का प्रयास है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में देश ही नहीं विदेशों के बाजार में भी झारखंड के हस्तशिल्पकारों के उत्पाद नजर आएंगे। हुनरमंद युवाओं और महिलाओं के अंदर छिपी कला को निखारना, अत्याधुनिक तकनीक से अवगत करा उनसे बेहतरीन उत्पाद का निर्माण करा उनकी कला को सम्मान व उनका मान बढ़ाना सरकार की मंशा है। इस दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री गुरुवार को आउटडोर स्टेडियम दुमका में आयोजित दो दिवसीय बांस कारीगर मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड संभावनाओं से भरा प्रदेश है। कुटीर उद्योग, लघु, ग्राम उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने का कार्य कर रही है। पूरी दुनिया तेजी से तकनीक, ज्ञान और विज्ञान के साथ बढ़ रहा है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में झारखंड दुनिया के सामने आर्थिक रुप से सुपर पावर के रूप में जाना जाएगा। राज्य सरकार ने सभी क्षेत्रों में कई कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि विकास की नई लकीर खींचने का कार्य सरकार ने किया है। हम तेजी से विकास करने में विश्वास रखते हैं।

सीएम ने कहा कि झारखंड में निर्मित बांस के सामग्री की क्वालिटी पूरे देश में सबसे अच्छी है। सरकार ने बांस कारीगर मेला का आयोजन कर इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है। मेला आयोजन का मुख्य उद्देश्य संथाल  के साथ-साथ झारखंड के बांस कारीगरों को नई-नई तकनीक के बारे में जानकारी उपलब्ध कराना है।

20 करोड़ बांस के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन विभाग एवं उद्योग विभाग द्वारा 20 करोड़ बांस के पौधे किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। 5 साल का डेवलपमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है। संथाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय इंटीग्रेटेड बंबू पार्क की स्थापना की जाएगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय मानकों के सामग्री का उत्पादन हो सके। आने वाले दिनों में बांस से निर्मित सामग्रियों के क्षेत्र में हम चीन व वियतनाम की बराबरी कर सकेंगे। 

सीएम ने कहा कि एक महीने के अंदर सरकार द्वारा 10 बांस कारीगरों को वियतनाम और चीन भेजा जाएगा। जिससे वे उन्नत तकनीक सीखकर यहां के बांस कारीगरों को भी नए-नए तकनीक से अवगत कराये। राज्य सरकार कई ऐसे कार्य करने जा रही है। जिससे संथाल परगना के बांस कारीगरों के साथ-साथ पूरे झारखंड के बांस कारीगरों को एक नई पहचान मिलेगी।  सीएम निवेशकों से कहा कि सरकार उद्योग स्थापित करने में हर तरह से सहयोग करेगी। निवेशकों द्वारा लगाए उद्योग में रोजगार पाने वाले झारखंड की महिलाओं और युवाओं को प्रशिक्षण देने का खर्च भी सरकार वहन करेगी।

उद्योग सचिव के रविकुमार ने कहा कि 6 लाख परिवार बांस उद्योग से जुड़े हुए हैं, जिससे बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध हुए हैं। इस क्षेत्र में रोजगार को और बढ़ावा मिल सके। इसके लिए तीन सीएफसी का उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे। कारीगरों के स्किल को ध्यान में रखकर न्यू टेक्नोलॉजी का निर्माण किया जा रहा है। आज बांस उद्योग के क्षेत्र में इतना बढ़ावा मिला है कि टाटा स्पंच के द्वारा मेट खरीदा जा रहा है। अगले पांच सालों में बांस की खेती के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिससे बांस कारीगरों को उनके गांव व घरों में रहकर रोजगार उपलब्ध हो सके।

 तीन बम्बू सीएफसी का ऑनलाइन उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने तीन बंबू सीएफसी का ऑनलाइन उद्घाटन किया । दुमका के तेलबुला, तेलियाचक और साहिबगंज के बरहेट के बंबू सीएफसी का उद्घाटन किया । इस दौरान माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस प्रोसेसिंग यूनिट का भी मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन उद्घाटन किया। वहीं मुख्यमंत्री ने 8000 कारीगरों के बीच अर्टिसन कार्ड का वितरण किया। 5500 बांस कारीगरों के बीच बंबू टूल किट का वितरण किया। 

मौके पर मंत्री डॉ लुईस मरांडी, सांसद सुनील सोरेन, उद्योग निदेशक कृपानंद झा, डीसी बी राजेश्वरी, डीआईजी राजकुमार लकड़ा और एसपी वाई एस रमेश समेत कई अधिकारी मौजूद थे। 

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