आईटी कंपनियों की साख स्थिर रहेगी : इक्रा

बेंगलुरू। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि आईटी कंपनियों पर वृद्धि और मार्जिन को लेकर दबाव है लेकिन इसके बावजूद घरेलू आईटी सेवा कंपनियों की साख स्थिर रहने का अनुमान है। एजेंसी के अनुसार वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों का लाभ घटा है। इसका कारण नई नियुक्तियों समेत कर्मचारियों पर अधिक खर्च, उप-ठेका लागत और रुपये की विनिमय दर में उतार-चढ़ाव है। इक्रा ने 13 कंपनियों के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों का कर्मचारियों पर खर्च 2019-20 की पहली तिमाही में बढ़कर 61.7 प्रतिशत हो गया, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 59.8 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में परिचालन मार्जिन 22.6 प्रतिशत रहा, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 22.7 प्रतिशत था। रेटिंग एजेंसी के अनुसार विश्लेषण में शामिल कंपनियों की वृद्धि दर रुपये के संदर्भ में आलोच्य तिमाही में 10.3 प्रतिशत जबकि डॉलर के संदर्भ में 7.4 प्रतिशत रही। डॉलर की तुलना में रुपये की विनिमय दर में पहली तिमाही में 3.7 प्रतिशत की गिरावट आयी। नियुक्ति के संदर्भ में कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 29,305 कर्मचारियों की नियुक्ति की, जबकि 2018-19 की चौथी तिमाही में यह संख्या 22,245 और पहली तिमाही में 26,782 थी। इक्रा के उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट रेटिंग्स) गौरव जैन ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी (मोबिलिटी, सोशल, क्लाउड, स्वचालन आदि) को लेकर आईटी कंपनियों में मांग देखी जा रही है। इक्रा ने कहा कि वृद्धि और मार्जिन पर दबाव के बावजूद घरेलू आईटी सेवा कंपनियों का साख प्रारूप स्थिर रहने का अनुमान है। साख स्थिर रहने का कारण शुद्ध रूप से नकदी की बेहतर स्थिति का भी होना है। पूर्व में नकदी प्रवाह से सृजित अधिशेष निवेश के रूप में नकदी की उपलब्धता पर्याप्त है।

This post has already been read 8166 times!

Sharing this

Related posts