जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को हेलिकॉप्टर से कोटा, बूंदी, झालावाड़ और धौलपुर जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे किया। उनके साथ यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, आपदा राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल भी थे। गहलोत ने कहा कि इस बार प्रदेश में 40 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। प्रदेश के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह कोई असम-बिहार जैसी बाढ़ नहीं है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात हुई है। प्रभावित इलाकों में पूरी मदद पहुंचाई जा रही है।उन्होंने आशा व्यक्त की कि दोनों राज्यों के बीच समन्वय बना रहेगा एवं प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहेगी। दोनों राज्यों में उच्च अधिकारियों के स्तर पर बातचीत हो रही है। कोटा-झालावाड़ में हालात विकट हैं तथा यहां सेना, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में लगी हैं।
उन्होंने कोटा में पत्रकारों से कहा कि प्रदेश के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यह कोई असम-बिहार जैसी बाढ़ नहीं है। यहां उन्होंने अधिकारियों से कोटा संभाग की स्थिति के बारे में जानकारी ली। इसके बाद उन्हें लोगों की हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तेज बारिश के बाद बांधों में क्षमता से ज्यादा पानी आ गया है, जिनकी निकासी के चलते ही नदियों के आसपास के क्षेत्रों में पानी भर गया है।
गहलोत ने कहा कि भाजपा के लोग हमेशा तंज कसते थे कि कांग्रेस की सरकार आने पर अकाल आता है, अब उन सभी लोगों के मुंह पर ताले लग गए हैं। अब सबकी बोलती बंद हो गई है। पूरे राजस्थान में केवल पांच जिलों को छोड़कर सब जगह औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के किसी भी बांध को कोई खतरा नहीं है। पहले ऐसी स्थिति नजर आई थी, लेकिन अब ऐसा कोई खतरा नहीं है।
यहां भी हालात खराब
प्रदेश के करौली व धौलपुर में भी हालात खराब हैं। इस बीच कोटा बैराज से लगातार पानी की निकासी जारी है। सोमवार को 19 गेट खोल कर 7 लाख 9 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे चंबल से सटी दर्जनों बस्तियां जलमग्न हैं। करौली में मंडरायल-करणपुर क्षेत्र में चंबल नदी उफान पर है। यहां करीब एक दर्जन गांव पानी में घिरे हैं। 6 गांवों के ग्रामीणों को रेस्क्यू किया गया है। झालावाड़ में बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के अधिकारियों को अपने एचओडी, कलेक्टर और उच्च अधिकारियों को उपस्थिति देने के निर्देश दिए गए हैं। धौलपुर में चंबल का पुल डूब गया है जिससे आवागमन बंद हो गया है। पानी पुल से करीब चार-पांच फुट ऊपर बह रहा है। राजाखेड़ा क्षेत्र की बसई घियाराम ग्राम पंचायत के आधा दर्जन गांवों के 50 से अधिक मकानों को खाली कराया गया है। गांवों का एक-दूसरे से संपर्क तक कट गया है। सहानपुर गांव से निकलकर लोग टेंटों में पहुंच गए हैं। बाढ़ से चम्बल स्थित मुक्तिधाम पूरी तरह से जलमग्न हो गया। चंबल किनारे स्थित अंत्येष्टि स्थल पर पांच फुट से अधिक पानी आ चुका है और लगातार पानी की आवक बढ़ रही है।
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