करदाताओं को राहत, छोटे डिफॉल्ट में नहीं चलेगा आपराधिक केस

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संवाददाता सम्मेलन में बताया कि फिक्स्ड इनवेस्टमेंट में काफी सुधार दिख रहा है। जुलाई के बाजट में राजकोषीय घाटे का जिक्र किया गया था और एफडीआई फ्लो के बारे में काफी बात हो चुकी है। अब तो इसमें सुधार ही हुआ है। अगस्त में इसमें काफी सुधार देखा गया है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि छोटे डिफॉल्ट में अब आपराधिक मुकदमा नहीं चलेगा। 25 लाख रुपये तक के टैक्स डिफॉल्टर्स पर कार्रवाई के लिए सीनियर अधिकारियों की मंजूरी जरूरी होगी। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्थिक सुधारों के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, हमारा फोकस होम बायर्स, एक्सपोर्ट और टैक्स रिफॉर्म पर है। निर्मला सीतारमण के मुताबिक अप्रैल-जून में इंडस्ट्री के रिवाइवल के संकेत मिले हैं। इसके अलावा क्रेडिट गारंटी स्कीम का फायदा एनबीएफसी को मिला है। सीतारमण ने बताया कि बैंकों का क्रेडिट आउटफ्लो बढ़ा है। उन्होंने कहा कि 19 सितंबर को बैंकों के साथ बैठक की जाएगी। इस बैठक में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चीफ शामिल होंगे। पिछली प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई महत्वपूर्ण ऐलान किए थे। वित्त मंत्री ने 30 दिनों में जीएसटी रिफंड, बैंकों में 70 हजार करोड़ की पूंजी डालने, फौरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पर बढ़े सरचार्ज को वापस लेने का ऐलान किया था। इस समय सरकार विपक्ष के निशाने पर है और सरकार के सामने यह चुनौती है कि इस आर्थिक सुस्ती से कैसे निपटा जाए। पिछली तिमाही में विकास दर घटकर 5 फीसदी पर आ गई।

प्रैस कांफ्रेंस की मुख्य बातें:

-घर खरीदार और टैक्स रिफॉम्र्स पर फोकस।

-आयकर में फेसलेस असेसमेंट शुरू होगा, इसके लिए नोटिफिकेशन जारी।

-डीआईएन का नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।

-औद्योगिक उत्पादन में हो रही है बढ़ोतरी।

-छोटे करदाताओं पर नहीं होगी आयकर में किसी ऋुटि पर कार्रवाई।

-25 लाख रुपये से नीचे के टैक्स विवाद पर कॉलोजेयिम की लेनी होगी मंजूरी। 

-चालू खाता घाटा नियंत्रण में।

-कंपाउंडिंग के लिए 31 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन।

-निर्यात बढ़ाने के लिए नीति में किया बदलाव।

टैक्सटाइल इंडस्ट्री में एमईआईएस 31 दिसंबर से होगा खत्म, नई पॉलिसी एक जनवरी 2020 से होगी लागू। 

-निर्यात बढाने के लिए एमईआईएस के स्थान पर नई योजना। 31 दिसंबर 2019 तक मिलती रहेगी छूट, एक जनवरी 2020 से निर्यात प्रोत्साहन की नई योजना।

-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में हुई है बढ़ोतरी।

-एक्सपोर्ट फाइनैंस एक इंटर मिनिस्टीरियल ग्रुप की निगरानी में काम करेगा।

-36 हजार करोड़ से 38 हजार करोड़ एक्सपोर्ट क्रेडिट को बढ़ाने के लिए लगाए जाएंगे।

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