झारखंड के शहरों में आयोजित होगा प्लास्टिक फ्री इवेंट

रांची । स्वच्छता के क्षेत्र में पहले से ही कई मुकाम हासिल कर चुके झारखंड के शहरों को अब एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से भी मुक्ति मिलेगी। पर इस मुक्ति के लिए सरकार के प्रयासों के साथ साथ जनमानस का भरपूर सहयोग भी अपेक्षित है। लोगों के व्यवहार में परिवर्तन को लेकर सरकार का नगर विकास एवं आवास विभाग सभी नगर निकायों में प्लास्टिक फ्री इवेंट पुरस्कार का आयोजन करने जा रहा है।

इसको लेकर राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार ने सभी नगर निकायों के नगर आयुक्तों और कार्यपालक पदाधिकारियों को पत्र भी लिखा है। इस पत्र में आग्रह किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले के प्राचीर से प्लास्टिक के खिलाफ एक जन आंदोलन का अह्वान किया है। जिसे हमें मिलजुलकर पूरा करना हैं। इसके साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि विश्व पर्यावरण दिवस पर हमारे देश का संकल्प है कि वो 2022 तक एकल उपयोग वाले प्लास्टिक से मुक्त होगा। इसके लिए जरुरी है कि हम इसे एक जनांदोलन का रुप दें।एकल उपयोग वाले प्लास्टिक को एक बार उपयोग के बाद छोड़ दिया जाता है, जो पर्यावरण को लगातार दूषित करने का काम करता है। इन प्लास्टिक में प्लास्टिक की थैलियां, पानी व पेय पदार्थों की बोतलें, टेक अवे खाद्य कंटेनर, डिस्पोजेबल कटलरी, स्ट्रॉ, खाद्य पैकेट और रैपर इत्यादि शामिल हैं, जो पर्यावरण के लिए बेहद ही खतरनाक है। सरकार की कोशिश है कि शादी समारोह, जन्मदिन समारोह, धार्मिक आयोजनों और सामाजिक आयोजनों में प्लास्टिक के उपयोग को नियंत्रित किया जाय। लिहाजा यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे त्योहारों व आयोजनों में अगर आयोजक एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल शून्य कर देते हैं, तो उन्हें पुरस्कृत किया जाए। इसी को लेकर प्लास्टिक फ्री इवेंट पुरस्कार शुरु किया जा रहा है।

विभाग नें पत्र के माध्यम से सभी नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देशित भी किया है कि वो इस पुरस्कार योजना का प्रचार प्रसार विभिन्न माध्यमों से अपने नगर निकाय में कराएं, ताकि कार्यक्रम आयोजित करनेवाले आयोजक इसकी जानकारी कार्यक्रम शुरु होने से पहले संबंधित नगर निकाय को दे सकें। सूचना मिलने पर नगर निकाय की टीम समारोह में मौजूद रहेगी और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के शून्य इस्तेमाल का मूल्यांकन करेगी। उसके बाद अगर मूल्यांकन में एकल उपयोग वाले प्लास्टिक का शून्य उपयोग पाया जाता है, तो उस आयोजनकर्ता को सम्मानित किया जाएगा। इस क्षेत्र में निकायों द्वारा उठाए गए कदम की चर्चा स्वच्छ मंच एवं सोशल मीडिया जैसे ट्वीटर व फेसबुक पर भी किया जाय। उम्मीद है सरकार के इस पहल से लोगों के व्यवहार में बदलाव आएगा और लोग इस मुहिम से बड़ी संख्या में जुड़ेंगे। नगर निकायों द्वारा उठाए जानेवाले कदम पर विभाग की भी नजर रहेगी।

This post has already been read 6662 times!

Sharing this

Related posts