नई दिल्ली। अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर षणमुगम और संजय कलाल को नोटिस जारी किया है। 88 साल के प्रोफेसर ने मुस्लिम पक्ष की पैरवी के चलते उन्हें चिट्ठी लिखकर श्राप दिया था। राजीव धवन ने दो लोगों के खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की है। धवन ने याचिका में कहा है कि एक 88 साल के प्रोफेसर षणमुगम हैं, जिन्होंने उन्हें चिट्ठी लिख कर श्राप दिया है। दूसरे कोई संजय कलाल हैं जिन्होंने व्हाट्सऐप भेजा है कि आपके मरने पर राम नाम सत्य ही कहा जाएगा। याचिका तैयार करने में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मदद की है। इसमें ये भी लिखा है कि अवमानना याचिका दाखिल करने के लिए अटार्नी जनरल की जरूरी मंजूरी नहीं ली, क्योंकि अटार्नी जनरल वेणुगोपाल कभी अयोध्या केस में यूपी सरकार के वकील रह चुके हैं। वृद्ध प्रोफेसर ने धवन को लिखा है कि आप भगवान के काम में बाधा डाल रहे हैं। मैं श्राप देता हूं कि आपकी जीभ बोलना बंद कर दे। आपके पैर काम करना बंद कर दें, आपको दिखना बंद हो जाए और आपके कान सुनना बंद कर दें। धवन का कहना है कि ऐसा कह कर उन्होंने कोर्ट के काम में बाधा डाली है।
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