नक्सलियों से निपटने के लिए गृहमंत्री ने की मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक

नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्लवाद की समस्या के निपटारे के लिए नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में नक्सलवाद की चुनौती से निपटने और उसके खात्मे के लिए अब तक किए गए प्रयासों की समीक्षा के साथ ही भावी रणनीति पर भी विचार-विमर्श किया गया।

सेामवार काे यहां विज्ञान भवन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता की। शाह के गृहमंत्री बनने के बाद से नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ उनकी यह पहली बैठक है। इस बैठक में शामिल होने के लिए 10 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निमंत्रण भेजा गया था। बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी, और ओडिशा के मुख्यंमत्री नवीन पटनायक शामिल हुए। जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बलों के प्रमुख और नक्सल प्रभावित राज्यों के आला पुलिस अधिकारी भी बैठक में शामिल रहे।

इस बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के शामिल होने से समझा जा रहा कि नक्सल से मुकाबले में वह भी केंद्र सरकार के साथ हैं। बैठक में नक्सलियों की अवैध संपत्ति, उनको मिलने वाली फंडिंग पर नकेल कसने समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही नक्सलग्रस्त इलाकों में विकास कार्यों में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया।

बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छोटे राज्य नक्सलवाद से ज्यादा प्रभावित हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में नक्सल प्रभावित इलाकों में किए जा रहे विकास कार्यों का ब्योरा पेश करते हुए बताया कि वनवासियों के विकास ओर उन्हें शसक्त बनाने की दिशा में हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही राज्य में आदिवासियों के खिलाफ फर्जी और झूठे मामलों की वापसी की प्रक्रिया चल रही है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई केंद्र और राज्यों की संयुक्त लड़ाई है। इसलिए इस पर व्यय होने वाले खर्च को दोनों के बीच बांटकर करना चाहिए।

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