- रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने किया खुलासाछापामार कर दो बच्चोंं को बिकने से बचाया
रामगढ़। अस्पताल का नाम वृंदावन लेकिन यहां सजती थी अबोध बच्चों के ख़रीद-बिक्री की मंडी। लगती थी नौनिहालों पर बोलियां। कोलकाता या कई दूसरी जगहों से इन बच्चों को खरीदकर लाया जाता था। खरीददारों से दुगुनी कीमत वसूली जाती थी। शहर के रांची रोड स्थित वृंदावन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में ऐसे ही नेटवर्क का खुलासा पुलिस ने किया है। बुधवार रात अस्पताल में पुलिस ने छापा मारकर दो अबोध बच्चोंं को बरामद किया है। रामगढ़ थाना पुलिस ने गुरुवार सुुुुबह गिरोह की मुख्य सरगना और हॉस्पिटल की मालकिन डॉक्टर मालती चार को गिरफ्तार किया है। गोरखधंधे का खुलासा बुधवार रात रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने किया। उनके निर्देश पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने वृंदावन हॉस्पिटल में छापेमारी की। कोलकाता से खरीद कर लाए गये दो अबोध बच्चों को वहां से बरामद किया गया। रामगढ़ महिला थाना प्रभारी मिंजराही बिरूआ, एएसआई अमरेंद्र कुमार सिंह की मौजूदगी में धंधे की मुख्य सरगना वृंदावन हॉस्पिटल की मालकिन डॉक्टर मालती चार को गुरुवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है।एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि एक सप्ताह पहले भी इसी हॉस्पिटल से एक बच्ची को बेचा गया था, जिसकी सूचना पुलिस को मिली थी। जबतक पुलिस वहां पहुंचती, तबतक बच्चे के खरीददार बच्चा लेकर वहां से रफूचक्कर हो गये। पुलिस को दोबारा सूचना मिली कि इसी हॉस्पिटल से दो बच्चों को बेचने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए दो ग्राहकों को हॉस्पिटल ने तैयार कर लिया है।बच्चा खरीदने वाले लोगों से हॉस्पिटल का मैनेजर रवि बात करता था और वही रकम भी वसूलता था। एसपी ने बताया कि डॉक्टर मालती चार ने कोलकाता से लाये गये बच्चों को संभालने के लिए एक दाई को भी रखा था। पुलिस को सूचना मिली थी कि ये बच्चे 15000 में खरीदे गये हैं। ग्राहकों से उनके लिए प्रति बच्चा 40 हजार वसूलते थे।छापा पड़ते ही हॉस्पिटल का मैनेजर रवि और अस्पताल के दूसरे स्टाफ फरार हो गये। डीएसपी हेड क्वार्टर प्रकाश सोए, रामगढ़ थाना प्रभारी विपिन कुमार, महिला थाना प्रभारी मिंजराही बिरूआ ने हॉस्पिटल को सील कर दिया है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है जिसमें कई और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।
This post has already been read 8319 times!